लोगों से दोस्ती गहरी करने के बाद ये महिलाएं खुद को मुसीबत में फंसा हुआ बताकर मदद के नाम पर उधार रकम मंगाती हैं और फिर गायब हो जाती हैं। वे अपने शिकार को बताती हैं कि दिल्ली या मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंच चुकी हैं। फिर एक भारतीय नंबर से कॉल आती है। कॉल करने वाला खुद को इमीग्रेशन या एयरपोर्ट का अधिकारी बताता है। वह कहता है कि आपकी मित्र यहां पर मौजूद है। जब तक इनके पास येलो कार्ड नहीं होगा, उन्हें एयरपोर्ट से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। येलो कार्ड की फीस 30 हजार से डेढ़ लाख रुपए तक बताई जाती है। विदेशी महिला अपने शिकार को बताती है कि उसका कार्ड इंडिया में आने के 48 घंटे बाद एक्टिवेट होगा। इसके लिए वह शिकार से मदद मांगती है। ज्यादातर लोग इसमें फंसकर पैसे दे देते हैं। इसके बाद महिला उन्हें ब्लॉक कर देती है।
ओमपुरवा निवासी स्नातक छात्र विकास कुमार की इंस्टाग्राम पर जैनी विलियम्स नाम की युवती से दोस्ती हो गई। युवती ने विकास के लिए महंगे गिफ्ट, मोबाइल, जेवरात और कपड़े खरीदने की बात कही। अगले दिन विकास के पास एक फोन आया। युवती ने कहा कि गिफ्ट लेने को 47 हजार कस्टम ड्यूटी चुकानी होगी। विकास ने ऑनलाइन रकम ट्रांसफर कर दी। इसके बाद संपर्क करने की कोशिश की तो फोन बंद हो गया। इसी तरह फीलखाना के बुजुर्ग सुभाष से फेसबुक पर दस दिन पहले सुसान रिचर्ड नाम की एक महिला से दोस्ती हुई। उसने खुद को ब्रिटेन का डॉक्टर बताया और भारत में फार्मास्यूटिकल कंपनी खोलना चाहती है तो सुभाष ने हामी भर दी। 22 जुलाई को व्हाट्सएप पर कॉल किया कि दिल्ली एयरपोर्ट पर कस्टम वालों ने रोक लिया है। पांच हजार पाउंड के ड्राफ्ट के बदले 1.65 लाख कस्टम ड्यूटी मांग रहे हैं। उसके पास 65 हजार रुपए कम पड़ गए हैं। इस पर सुभाष ने उसे ये रकम ऑनलाइन ट्रांसफर कर दी।
एसपी क्राइम राजेश यादव ने बताया कि क्राइमब्रांच की साइबर सेल इस तरह के मामलों की मॉनीटरिंग करती है। आने वाली सभी शिकायतों की जांच होती है। अगर फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया पर बनी संबंधित प्रोफाइल फर्जी है तो उसे ब्लॉक करा दिया जाता है। पब्लिक को भी जागरूक होने की जरूरत है। सोशल मीडिया पर किसी के संपर्क में आने के बाद रुपया या किसी तरह की जानकारी साझा नहीं करनी चाहिए।