मंजू की मां और पिता दोनों को कोरोना के लक्षण नजर आ रहे थे। जब 9 अप्रैल को जब जांच हुई तो दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। दो दिन में ही माता-पिता की हालत बिगड़ने लगी तो कैलिफोर्निया में मंजू परेशान हो गईं। वहां बेटे के अस्वस्थ होने के चलते कानपुर आने के असमर्थ बेटी ने सोशल साइट के द्वारा ग्रुपों में संपर्क किया। ऐसे में उनका कानपुर के एक ब्लड डोनर ग्रुप पीजीएसएस से संपर्क स्थापित हो गया। व्हाट्सएप के जरिए मदद मांगने पर युवाओं का ग्रुप आगे आया और उनके पिता को किसी तरह हैलट अस्पताल में भर्ती करा दिया।
मंजू ने व्हाट्सएप (Whatsapp) द्वारा बताया कि 14 अप्रैल को पिता अस्पताल में भर्ती हुए। रेमडेसिविर (Remdesivir) की जरूरत थी। हैलट में इसकी व्यवस्था न होने पर 15 अप्रैल को उनका निधन हो गया। मां की बिगड़ी तबीयत को लेकर मंजू बेहद चिंतित है। मंजू ने गुहार लगाई कि किसी तरह मां की जान बचा लो। इस पर युवाओं के इसी ग्रुप ने महापौर प्रमिला पाण्डेय और उनके बेटे अमित की मदद से रामा मेडिकल कॉलेज के लिए सीएमओ से रेफरल लेटर बनवाकर वहां भर्ती करा दिया। जबकि कोरोना से लड़ रही मंजू की मां को अभी तक यह नहीं पता कि उनके पति इस दुनिया में अब नहीं रहे। इसलिए पिता के बाद अब मंजू अपनी मां को नही खोना चाहती है।