कानपुर यशोदा नगर में एक बीमार रिश्तेदार को भी देखना था। पिताजी को दो दिन बुखार आ रहा था। एक निजी पैथोलॉजी में कोरोना जांच के लिए सैंपल दिया। रविवार रात में ही उनकी सांस फूलने से हालत बिगड़ने लगी। गोविंद नगर के एक निजी कोविड अस्पताल में फोन करने पर बताया गया कि रिपोर्ट आ जाए तो मरीज को ले आइएगा। सोमवार को तबीयत अधिक बिगड़ी तो बेटी सुबह आठ बजे एंबुलेंस से पिता को लेकर गोविंद नगर पहुंची। लेकिन लैब से कोरोना रिपोर्ट न मिल पाने से अस्पताल वालों ने सर्वोदय नगर स्थित अपनी मुख्य शाखा भेज दिया। जहां जांच में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। फिर गोविंद नगर लौटने पर अस्पताल वालों ने इंश्योरेंस के बारे में पूछा। बेटी के मुताबिक जब उन्होंने पिता को सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (सीजीएचएस) का लाभार्थी बताया तो उन्हें बेड फुल होने की जानकारी दी गई।
बताया गया कि एक प्रशासनिक अधिकारी का मरीज आ गया है। फिर कुछ देर बाद कहा गया कि बेड खाली करवाया जा रहा है तब तक सीटी स्कैन करा लीजिए। बर्रा सीटी स्कैन कराने जाने पर वहां किसी ने हाथ नहीं लगाया। कहा गया कि मरीज की हालत नाजुक है, हैलट में सीटी स्कैन करा लीजिए। बेटी के अनुसार सोमवार शाम पांच बजे हैलट में डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। परेशानियों का सिलसिला अभी यहां नहीं रुका। इसके बाद मृत प्रमाणपत्र न होने की वजह से शव को मोर्चुरी में रखवाने के लिए भी बेटी को दो घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी। इसके बाद सीएमओ के निर्देश पर शव रखा गया। इसके बाद अंतिम संस्कार को लेकर भैरो घाट पर मुसीबत खड़ी हो गई। इस पर अंतिम संस्कार कराने के लिए सीएमओ डॉ. अनिल कुमार मिश्रा को घाट पहुंचना पड़ा।
सीएमओ डॉ. अनिल कुमार मिश्रा ने बताया कि कोविड रिपोर्ट न होने से मरीज को निजी अस्पताल की दोनों शाखाओं में भर्ती नहीं किया गया। इससे हालत बिगड़ गई। अस्पताल की दोनों शाखाओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। जवाब के बाद कार्रवाई तय की जाएगी। नॉन कोविड अस्पतालों में भी होल्डिंग एरिया की व्यवस्था है। मरीज को वहां इलाज दिया जा सकता था।