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जिन बेटियों के सहारे था पिता, उन्होंने किया दर-दर भटकने को मजबूर

locationकानपुरPublished: Aug 09, 2019 01:30:00 pm

पाल पोसकर बड़ा किया और शादी कराई तो अपना घर ही छोडऩा पड़ गयादामादों ने ताला तोड़ कीमती सामान पर किया कब्जा और घर से भगा दिया

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जिन बेटियों के सहारे था पिता, उन्होंने किया दर-दर भटकने को मजबूर

कानपुर। दो बेटियों को पाल पोसकर उनकी जिंदगी बनाने वाले पिता को ये दिन भी देखना पड़ेगा, यह उसने सपने में भी नहीं सोचा था। बेटियों ने अपने पति संग मिलकर पिता का सारा कीमती सामान कब्जे में कर लिया। इतना ही नहीं दोनों ने पिता को घर से भी निकाल दिया। किस्मत का मारा पिता अब दर-दर की ठोंकरे खा रहा है। उसने मामले में पुलिस से मदद की गुहार लगाई है।
वायुसेना में थे अफसर
चकेरी निवासी ७३ वर्षीय कृष्णाधार पाल वायुसेना में वारंट अफसर थे। उनकी दो बेटियां हैं। दोनों की शादी हो चुकी है। पत्नी शोभारानी की मौत के बाद वे अकेले रहते थे। अब उन्हें अपनी बेटियों से सहारे की उम्मीद थी, जिसे बेटियों ने ही तोड़ दिया। आज के दौर में अक्सर बेटे ही पिता को बेसहारा छोड़ देते हैं पर यहां यह काम बेटियों ने किया।
पतियों के साथ मिलकर रची साजिश
दोनों बेटियों और दामाद का कृष्णाधार के घर तो आना जाना था ही, वह दोनों दामादों पर भरोसा भी करता था पर उन्होंने इस भरोसे को तोड़ दिया। दोनों दामादों ने एक दिन कमरे का ताला तोड़ सारे कीमती सामान ज्वैलरी और पैसे पर कब्जा कर लिया। जब कृष्णाधार ने इसका विरोध जताया तो उसे धक्के मारकर घर से निकाल दिया और घर पर ताला जड़ दिया।
एडीजी से लगाई गुहार
बेटियों और दामाद से पीडि़त कृष्णाधार पहले चकेरी थाने पहुंचा पर पुलिस ने उसकी एक न सुनी। फिर उसने एडीजी से गुहार लगाई। एडीजी प्रेम प्रकाश ने एसएसपी का मामले में जांच और सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
वायुसेना में दिखाई थी जांबाजी
कृष्णाधार ने ड्यूटी के दौरान बहादुरी के कई कार्य किए। वह वायुसेना में वारंट अफसर थे। १९६५ और ७१ की जंग में उन्होंने सेना के कई घायल जवानों की जान बचाई थी। उनकी इस बहादुरी को सेना में आज भी याद किया जाता है।

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