रफीक गैंग में ही बहार भी करता था काम
डी२ गैंग कानपुर से मुंबई तक की कई वारदातों में शामिल रहा। बहार पहले इस गैंग से ही जुड़ा था। इस गैंग में एक ही परिवार के पांच भाई थे। रफीक, अतीक के भाई बिल्लू, बाले, शफीक भी शातिर थे। यह गैंग दाऊद और अबू सलीम के इशारे पर भी काम करता था। रफीक ने पकड़े जाने के बाद तस्करी की 250 पिस्टल की खेप शहर आने की बात भी कबूली थी।
डी२ गैंग कानपुर से मुंबई तक की कई वारदातों में शामिल रहा। बहार पहले इस गैंग से ही जुड़ा था। इस गैंग में एक ही परिवार के पांच भाई थे। रफीक, अतीक के भाई बिल्लू, बाले, शफीक भी शातिर थे। यह गैंग दाऊद और अबू सलीम के इशारे पर भी काम करता था। रफीक ने पकड़े जाने के बाद तस्करी की 250 पिस्टल की खेप शहर आने की बात भी कबूली थी।
आतंकियों को हथियार मुहैया कराता था डी२ गैंग
आतंकवादियों को डी२ गैंग के जरिए देश के किसी भी हिस्से में आसानी से हथियार मिल जाते थे। रफीक ने खुद पकड़े जाने पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंध होने की बात भी कबूल की थी। डीटू गैंग का हथियार की तस्करी, वसूली, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में भी नाम आया था। रफीक शहर की पुलिस के लिए भी सिरदर्द बना हुआ था।
एसटीएफ को भी बनाया था निशाना
रफीक और उसके साथियों ने अगस्त 2004 को मालरोड में हीरपैलेस टॉकीज के पास एसटीएफ पर हमला किया। इस मुठभेड़ में शातिर बदमाश समीम उर्फ दुरग्गा और जमशेद उर्फ भइया उर्फ बाज को मार गिराया गया था। मुठभेड़ में सर्विलांस में मास्टर सिपाही धर्मेंद्र सिंह शहीद हो गया।
कोलकाता से हुआ था गिरफ्तार
मुठभेड़ के बाद रफीक और उसके भाई अतीक की तलाश में स्पेशल आपरेशन चलाया गया और कोलकाता में रफीक को गिरफ्तार किया गया। वहां से रफीक को वी वारंट लेकर यहां लाई थी। मालरोड कांड के विवेचक ने जेल में जाकर रफीक से पूछताछ की थी। उसने पिस्टल और कारतूस जूही यार्ड और शुक्ला गंज में दबे होने की बात कबूली थी।
आतंकवादियों को डी२ गैंग के जरिए देश के किसी भी हिस्से में आसानी से हथियार मिल जाते थे। रफीक ने खुद पकड़े जाने पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंध होने की बात भी कबूल की थी। डीटू गैंग का हथियार की तस्करी, वसूली, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में भी नाम आया था। रफीक शहर की पुलिस के लिए भी सिरदर्द बना हुआ था।
एसटीएफ को भी बनाया था निशाना
रफीक और उसके साथियों ने अगस्त 2004 को मालरोड में हीरपैलेस टॉकीज के पास एसटीएफ पर हमला किया। इस मुठभेड़ में शातिर बदमाश समीम उर्फ दुरग्गा और जमशेद उर्फ भइया उर्फ बाज को मार गिराया गया था। मुठभेड़ में सर्विलांस में मास्टर सिपाही धर्मेंद्र सिंह शहीद हो गया।
कोलकाता से हुआ था गिरफ्तार
मुठभेड़ के बाद रफीक और उसके भाई अतीक की तलाश में स्पेशल आपरेशन चलाया गया और कोलकाता में रफीक को गिरफ्तार किया गया। वहां से रफीक को वी वारंट लेकर यहां लाई थी। मालरोड कांड के विवेचक ने जेल में जाकर रफीक से पूछताछ की थी। उसने पिस्टल और कारतूस जूही यार्ड और शुक्ला गंज में दबे होने की बात कबूली थी।