संगठन को लेकर चर्चा के लिए बुलाया गया था
कानपुर में संगठन की नई रूपरेखा पर चर्चा के लिए दिल्ली से शहर के नौ नेताओं को फोन कर दिल्ली बुलाया गया था। प्रियंका ने दिल्ली में अपने निवास तुगलक लेन में सुबह निवर्तमान अध्यक्ष हरप्रकाश अग्निहोत्री, पवन गुप्ता, आलोक मिश्र, डॉ.शैलेन्द्र दीक्षित, प्रदीप मिश्र, महेश दीक्षित चच्चू, अमरीश सिंह, मो.इरफान और जेपी पाल से पहले हालचाल लिए और फिर संगठन मजबूत करने की राय जानी। इसी दौरान संगठन में एकता की सच्चाई प्रियंका के सामने आई।
कानपुर में संगठन की नई रूपरेखा पर चर्चा के लिए दिल्ली से शहर के नौ नेताओं को फोन कर दिल्ली बुलाया गया था। प्रियंका ने दिल्ली में अपने निवास तुगलक लेन में सुबह निवर्तमान अध्यक्ष हरप्रकाश अग्निहोत्री, पवन गुप्ता, आलोक मिश्र, डॉ.शैलेन्द्र दीक्षित, प्रदीप मिश्र, महेश दीक्षित चच्चू, अमरीश सिंह, मो.इरफान और जेपी पाल से पहले हालचाल लिए और फिर संगठन मजबूत करने की राय जानी। इसी दौरान संगठन में एकता की सच्चाई प्रियंका के सामने आई।
अजय कपूर के समर्थकों को चुप किया
संगठन में शहर अध्यक्ष के लिए नए नामों का प्रस्ताव रखा गया तो एक गुट ने पूर्व विधायक अजय कपूर की पैरवी की। इस पर प्रियंका ने सवाल किया कि अगर वे इतने ताकतवर हैं तो गोविन्दनगर का उपचुनाव क्यों नहीं लड़े? तीन बार उन्होंने इस बात को कहा तो सबके होश उड़ गए। इसी के बाद पवन गुप्ता ने मोर्चा खोलने के अंदाज में पार्टी के ग्राफ गिरने का ठीकरा कपूर के साथ पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल पर फोड़ दिया तो उनकी, डॉ. दीक्षित और चच्चू के बीच आरोप-प्रत्यारोप की बारिश हो गई। इसी बीच बाहर खड़े कृपेश त्रिपाठी और संदीप शुक्ल का जिक्र कर निवर्तमान अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी में संघर्ष करने वालों को तरजीह दी जाए। इस पर प्रियंका ने दोनों नेताओं को बुलाकर उनकी बात भी जानी और सबकी राय के बाद अपेक्षा की कि सभी पूरी ताकत जुटेंगे।
संगठन में शहर अध्यक्ष के लिए नए नामों का प्रस्ताव रखा गया तो एक गुट ने पूर्व विधायक अजय कपूर की पैरवी की। इस पर प्रियंका ने सवाल किया कि अगर वे इतने ताकतवर हैं तो गोविन्दनगर का उपचुनाव क्यों नहीं लड़े? तीन बार उन्होंने इस बात को कहा तो सबके होश उड़ गए। इसी के बाद पवन गुप्ता ने मोर्चा खोलने के अंदाज में पार्टी के ग्राफ गिरने का ठीकरा कपूर के साथ पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल पर फोड़ दिया तो उनकी, डॉ. दीक्षित और चच्चू के बीच आरोप-प्रत्यारोप की बारिश हो गई। इसी बीच बाहर खड़े कृपेश त्रिपाठी और संदीप शुक्ल का जिक्र कर निवर्तमान अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी में संघर्ष करने वालों को तरजीह दी जाए। इस पर प्रियंका ने दोनों नेताओं को बुलाकर उनकी बात भी जानी और सबकी राय के बाद अपेक्षा की कि सभी पूरी ताकत जुटेंगे।