scriptमुस्लिम लडक़े-लडक़ी भी शादी से पहले करा सकेंगे मेडिकल जांच, शरीयत ने दी मंजूरी | Decision on medical examination before marriage in total Hind Islamic | Patrika News

मुस्लिम लडक़े-लडक़ी भी शादी से पहले करा सकेंगे मेडिकल जांच, शरीयत ने दी मंजूरी

locationकानपुरPublished: Dec 11, 2019 12:24:59 pm

उलमा और मुफ्तियों ने लिया फैसला, कहा इससे एड्स जैसी बीमारी का चलता है पता

मुस्लिम लडक़े-लडक़ी भी शादी से पहले करा सकेंगे मेडिकल जांच, शरीयत ने दी मंजूरी

मुस्लिम लडक़े-लडक़ी भी शादी से पहले करा सकेंगे मेडिकल जांच, शरीयत ने दी मंजूरी

कानपुर। अब मुस्लिम लडक़े और लडक़ी अगर जरूरी समझते हैं तो वे शादी से पहले अपनी मेडिकल जांच करा सकेंगे। इसमें मुस्लिम धर्मगुरुओं को कोई आपत्ति नहीं होगी। शरीयत ने इसकी मंजूरी दे दी है। शरीयत के फैसले लेने वाले उलमा और मुफ्तियों के संगठन कुल हिंद इस्लामिक एकेडमी की जमीअत भवन में यह निर्णय लिया है। इससे पहले करीब तीन घंटे तक केवल शादी से पूर्व लडक़ा-लडक़ी के मेडिकल के मुद्दे पर ही चर्चा चली और बाद में आम राय से फैसला लिया गया।
उठाया गया था सवाल
कुल हिंद इस्लामिक एकेडमी की मौजूदगी में यह सवाल उठाया गय था कि क्या शादी से पहले लडक़े-लडक़ी का मेडिकल चेकअप कराने की शर्त शरई तौर पर ठीक है। यह भी पूछा गया था कि दोनों पक्ष इस बात की संतुष्टि के लिए मेडिकल परीक्षण करा सकते हैं कि उनमें दांपत्य जीवन के लिए क्षमता है और दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं या नहीं।
जरूरी होने पर मेडिकल चेकअप की मंजूरी
इन सवालों के जवाब में अकादमी के सदर और जमीअत उलमा के प्रांतीय सदर मौलाना मतीनुल हक ओसामा कासिमी की सदारत में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि सामान्य हालत में लडक़े या लडक़ी की क्षमता या बीमारियों का चेकअप कराना ग़ैर ज़रूरी अमल है जिससे परहेज़ करना चाहिए। लेकिन निकाह से पहले युगल को दाम्पत्य जीवन व्यतीत करने लायक़ होने या गंभीर रोग जैसे एड्स आदि होने से सुरक्षित होने को साबित करना पड़े तो इसकी शरीयत में गुंजाइश है।
शिक्षा के लिए बच्चों की पिटाई सही नहीं
यह भी पूछा गया था कि तालीम के लिए क्या बच्चे की पिटाई की जा सकती है। जिस पर जवाब दिया गया कि तालीम के लिए शारिरिक या मानसिक कष्ट बच्चों को जिद्दी बनाता है। इसलिए पिटाई से बेहतर है कि नसीहत से काम चलाना चाहिए। जरूरत हो तो हाथ से चेहरे और नाजुक अंगों को छोड़ अन्य हिस्सों पर बिना छड़ी के दो-तीन हाथ ही मारने की इजाज़त है। इसके अलावा बच्चों की ग़ैर हाजिऱी या किसी अन्य गलती पर मुनासिब जुर्माना लगाया जा सकता है।
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