scriptकॅरियर की चाहत में देर से शादी जच्चा-बच्चा के लिए बन जाती खतरा | Delay in becoming a mother threatens the life of mother and child | Patrika News

कॅरियर की चाहत में देर से शादी जच्चा-बच्चा के लिए बन जाती खतरा

locationकानपुरPublished: Sep 22, 2019 03:15:49 pm

४४ फीसदी गर्भवती महिलाएं होती हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की शिकार 35 साल के पहले मां बनने पर नहीं रहता खून की कमी का खतरा

High Risk Pregnancy

कॅरियर की चाहत में देर से शादी जच्चा-बच्चा के लिए बन जाती खतरा

कानपुर। आज का युवा घर बसाने से पहले सेटल होना चाहता है। कॅरियर की प्राथमिकता में शादी करने में देरी हो जाती है। ऐसी स्थिति में जच्चा-बच्चा की जान के लिए खतरा पैदा हो जाता है। आज के दौर में 44 फीसदी ऐसी गर्भवती महिलाएं हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की शिकार हो रही हैं, जिन्होंने सही उम्र निकल जाने के बाद शादी की, या फिर शादी तो सही समय पर हो गई, लेकिन बच्चे की प्लानिंग में देरी हो गई।
देरी के नतीजे खतरनाक
जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एनेस्थीसिया विभाग में शनिवार को आयोजित आब्सट्रेटिक कार्यशाला में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने देर से शादी और उतनी ही देर से बच्चे की प्लानिंग को जच्चा-बच्चा के लिए बड़ा खतरा बताया। पीजीआई रोहतक से आए डॉ.कुंदन मित्तल और एसजीपीजीआई लखनऊ के डॉ.मोहन गुर्जर ने न सिर्फ इस चिंता को साझा किया बल्कि इसके होने वाले खतरनाक परिणामों से भी सावधान किया।
लापरवाही पड़ सकती भारी
ब्लडप्रेशर, डायबिटीज और मोटापे की स्थिति में रिस्क और बढ़ जाता है। डॉ. मित्तल ने कहा कि हाईिरस्क प्रेग्नेंसी में हर कदम पर महिला की मानीटरिंग करनी पड़ती है। जरा-सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। थायराइड की स्थिति में गर्भवती को जोखिम के साथ ही गर्भपात का खतरा भी बना रहता है। डॉ. मित्तल स्पष्ट किया कि यदि 30 साल की उम्र तक बच्चे की प्लानिंग कर ली जाती है तो तमाम जटिलताओं को टाला जा सकता है। 35 साल के बाद जोखिम की संभावना बनी रहती है।
इमरजेंसी कोर्स का मॉडल शुरू
विकसित देशों की तरह ही यहां भी प्रसूताओं की मृत्युदर को कम करने के लिए आब्सट्रेटिक क्रिटिकल केयर कोर्स को शुरू किया गया है। नोडल अधिकारी डॉ.कुंदन मित्तल ने बताया कि यह सारी दुनिया के लिए एक जैसा कोर्स है। इस कोर्स में डिलिवरी से पहले और बाद की जटिलताओं तक की ट्रेनिंग दी जा रही है। इस कोर्स से डॉक्टरों को प्रसव के समय आ रही जटिलताओं का प्रबंधन बेहतर तरीके से करने का मौका मिलेगा।
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