यह भी पढ़ें: कानपुर में बुखार और डेंगू का कहर जारी, दहशत में 25 लोग छोड़ गए गांव कानपुर के कुरसौली गांव की रहने वाली रमजानी की 14 वर्षीय पुत्री सबीना बुखार की चपेट में आ गई थी। इलाज के लिए उसे उर्सला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां खून की कमी हो गई थी। मगर कुछ दिन भर्ती रहने के बाद घरवाले उसे लेकर कुरसौली चले गए। घर पर खून की दो तीन उल्टी होने पर हालत बिगड़ने देख घरवाले हैलट लेकर पहुंचे। हैलट में उसे पांच यूनिट प्लेटलेट चढ़ाया गया, लेकिन अंत में मंगलवार को हैलट में मासूम ने दम तोड दिया।
यहां भी पढ़ें: Covid Sputnik-V Vaccine: रूस की स्पूतनिक-वी वैक्सीन कानपुर के अस्पताल पहुंची, जानिए इसकी खासियतें वहीं मकसूदाबाद की 17 वर्षीय सलोनी को बुखार आने पर उसे कल्याणपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई। सलोनी को भी ब्लीडिंग की शिकायत के बाद भर्ती कराया गया था। उसका प्लेटलेट 25 हजार तक पहुंच गया था। सीएचसी कल्याणपुर अधीक्षक डॉ. अविनाश यादव का कहना है कि सबीना को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उर्सला भर्ती कराया था। मगर घरवाले उसे गांव लेकर चले गए। उसे दोबारा हैलट के बालरोग में भर्ती कराया गया था। उसे प्लेटलेट चढ़ाया गया था मगर डेंगू की पुष्टि नहीं हुई थी। डॉ. अविनाश यादव का कहना है कि मकसूदाबाद की घटना के बारे में जानकारी नहीं है। आशा और एएनएम से जानकारी ली जा रही है।