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महामारी की तरह शहर में फैल रहा डेंगू, अफसर चुनाव में व्यस्त

locationकानपुरPublished: Oct 20, 2019 12:11:10 pm

न बचाव के इंतजाम हो रहे न किया जा रहा लोगों को अलर्ट शहर के ९६ इलाके डेंगू की चपेट में आए, अफसर बेखबर

महामारी की तरह शहर में फैल रहा डेंगू, अफसर चुनाव में व्यस्त

महामारी की तरह शहर में फैल रहा डेंगू, अफसर चुनाव में व्यस्त

कानपुर। शहर में डेंगू बेकाबू हो रहा है। इसकी चपेट में आधा शहर आ चुका है। पर अफसर और नेता उपचुनाव में व्यस्त हैं। किसी को इस समस्या की चिंता नहीं है। न डेंगू को फैलने से रोकने का इंतजाम किया जा रहा है और न ही लोगों को अलर्ट। स्वास्थ्य महकमें से लेकर जिला प्रशासन और नगर निगम तक सभी निश्चिंत हैं।
९६ इलाकों में डेंगू का कब्जा
सीएमओ की ओर से शहर के 96 इलाके डेंगू के लिहाज से संवेदनशील घोषित कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रशासन को इस बारे में जरूरी कदम उठाने का सुझाव भी दिया है। स्वास्थ्य महकमे में इस बीमारी के लिहाज से शहर को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग पर कोई असर नहीं पड़ा। मच्छरों पर नियंत्रण करने वाले विभाग आपस लड़ रहे हैं। डेंगू का मच्छर खूनी हो गया। मरीजों को तेज बुखार, नाक व कान से खून आने के साथ खून की उल्टियां भी हो रही हैं।
अस्पतालों में नहीं बची जगह
डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते हैलट और उर्सला जैसे बड़े अस्पताल फुल हो चुके हैं। प्राइवेट अस्पताल डेंगू के मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे हैं। लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या के मुताबिक करीब आधा शहर डेंगू की चपेट में है। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस साल डेंगू के मामले दो गुना से ज्यादा रिपोर्ट किए गए हैं। एक महीने के भीतर हैलट और उर्सला अस्पताल में बुखार से कई रोगियों की मौत भी हो चुकी है, हालांकि स्वास्थ्य विभाग इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है। क्योंकि किसी के जांच सैम्पल पेडिंग थे तो किसी को जांच कराने का मौका नहीं मिला। इसलिए विभाग को डेंगू से मौत न होने का एक ठोस बहाना मिल गया।
आपस में लड़ रहे जिम्मेदार
डेंगू पर अंकुश लगाने की बजाय नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है नगर निगम की फागिंग टीम सहयोग नहीं कर रही है। सभी जोन में नगर निगम की टीमें सक्रिय नहीं हैं। जब तक सफाई नहीं होगी तब तक मच्छरों पर काबू पाना मुश्किल है। जबकि नगर निगम का कहना है कि संवेदनशील 96 क्षेत्रों में से 51 में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची ही नहीं।
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