स्थानीय गुटबाजी में हुए थे पार्टी से बाहर दरअसल बीती 2 दिसम्बर को सपा प्रमुख अखिलेश यादव अपने चहेते खजांची नाथ के जन्मदिन मनाने झींझक के सरदारपुर गांव आए थे, लेकिन सपा में स्थानीय गुटबाजी के चलते खजांची नाथ से नहीं मिल सके। यानि जिसका जन्मदिन मनाने अखिलेश खुद चलकर आए, उसको ही अखिलेश से ही नही मिलाया गया। लिहाजा नाराजगी जताते हुए अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता शिवकुमार बेरिया को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया। अपनी सफाई देते हुए शिवकुमार बेरिया ने कहा खजांची को हमने नही देखा, हमको खजांची ने नही देखा है।
बोले खजांचियों ने खजांची को किया था गायब खजांचियो ने खजांची को गायब कर दिया। हम पर कंट्रोवर्सी कर बताया गया कि खजांची को हमने गायब कर दिया। हमसे मौके पर कहा गया कि खजांची को लेकर आओ, हम खजांची को कहां ढूढ़ते। खजांचियो का अखिलेश कुछ नही कर पाए और जिस के पास फूटी कौड़ी नही थी, उसे पार्टी से निकाल दिया। उन्होंने कहा हमें सार्वजनिक रूप से कुत्ता कहा गया। बेरिया ने सख्त तेवर में कहा कि मैं पार्टी का फाउंडर मेम्बर था और हम रेगिस्तान में भी रेत पर पैर रखकर नई पार्टी खड़ी कर लेंगे। उन्होंने कहा मेरे ऊपर आरोप है मैं यादव विरोधी हूँ, मैं यादव विरोधी नही हूं, जो गलत काम करते थे, मैं उनका विरोधी था। फिर वह चाहे किसी भी जाति का क्यों न हो।
जनसभा में दिखेगी 50 हजार की भीड़ मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा यह कोई जनसभा नही है, सबको बुलाकर मशविरा किया है। जब जनसभा करेंगे, तब 500000 लोगों की भीड़ होगी और पार्टी जॉइन करके जनसभा करेगे। सपा में लोकतंत्र नही है, जब पार्टी में लोकतंत्र नही है तो अंदाजा लगाया जा सकता है क्या होगा। मुझे पार्टी से निकाल कर लोकतंत्र की हत्या की गई है। जनता के मत की हत्या की गई है। मैं पार्टी की 40 साल से सेवा कर रहा था। अंत मे यूटर्न लेते हुए उन्होंने अखिलेश की बढ़ाई करते हुए कहा कि वह हमारे नेता है, उनका सम्मान हमेशा करेंगे। अब घर से निकल ही गया हूँ तो कहीं न कहीं छप्पर डालकर रहेंगे।