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हैवान बने प्रबंधक ने कक्षा-2 के मासूम को दौड़ा दौड़ाकर पीटा

locationकानपुरPublished: May 14, 2018 10:38:43 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

जब वह बेहोश होकर गिर गया तो प्रबंधन शांत हो गया।
 

Devil manager brutally
कानपुर देहात. जहां एक तरफ शिक्षक को गुरु का दर्जा दिया गया है, वहीं दूसरा भगवान का दर्जा दिया जाता है। क्योंकि घर की प्राथमिक पाठशाला में मां के संस्कार के बाद विद्यालय में गुरु की शिक्षा दीक्षा से ही बच्चे का सामाजिक विकास संभव होता है। क्योंकि शिक्षा से ही बच्चे का सर्वांगीण विकास होता है। इसलिए माता पिता बच्चे को स्कूल में प्रवेश दिलाने के बाद निश्चिन्त हो जाते हैं, क्योंकि उनको शिक्षा के मंदिर व उनके गुरुओं पर पूर्ण विश्वास होता है। लेकिन मैथा तहसील क्षेत्र के बसौसी में हैवानियत का एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने शिक्षा के मंदिर की मर्यादा तार-तार कर दी, जिसे सुन लोगों की रूह कांप गयी और यह दृश्य देखकर अन्य बच्चों में भय व्याप्त हो गया।
विद्यालय प्रबंधक ने मासूम को सिर्फ फीस न लाने की बात पर मारा। हद तो तब हो गयी जब प्रबंधक ने हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए उसे दौड़ा दौड़ाकर डंडों से पीटा। मासूम चिल्लाता रहा लेकिन वहां उसकी सुनने वाला कोई नही था। अंतत: जब छात्र बेहोश हो गया तो अन्य शिक्षकों ने उसे बचाया। परिजनों ने उपजिलाधिकारी से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई, जिसके बाद उपजिलाधिकारी ने शिवली कोतवाली में बेरहम प्रबंधक के खिलाफ कार्यवाही के आदेश दिए।
शिक्षा का मंदिर शिक्षा देने के लिए बनाया गया है, न कि बच्चों की बेरहमी से पिटाई के लिए। सरकार ने भी स्कूलों में बच्चों के साथ बुरा बर्ताव एवं छात्रों के साथ मारपीट करने वाले शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के आदेश दे रखे हैं, जिससे कोई भी शिक्षक इस तरह की हिमाकत न करे लेकिन मैथा तहसील के बसौसी गांव में संचालित सुरभि एजीकेशन सेंटर विद्यालय के कक्षा 2 में पढऩे वाले मासूम मयंक उर्फ अंशू की विद्यालय प्रबंधक जय नारायण अवस्थी ने बेरहमी से पिटाई की। मासूम मयंक का कसूर सिर्फ इतना था कि उसकी एक हजार रुपये फीस बाकी थी, जो वह नहीं लाया था। बस इतनी बात पर ही प्रबंधक ने पहले उसे हांथों से मारा फिर दौड़ा दौड़ाकर उसकी डंडे से पिटाई की। हैवान बना प्रबंधक पूरे विद्यालय में उसे पीटता रहा, लेकिन बचाव के लिए उसकी गुहार सुनने वाला वहां कोई नहीं था। जब मासूम मारपीट से बेदम होकर गिर पड़ा तो प्रबंधक को राहत मिली।
फीस देने में लेट हो गया इस लिए उठा दिया ऐसा कदम
इसके बाद विद्यालय के दूसरे शिक्षकों ने आकर उसकी बहन से उसे घर ले जाने के लिए कहा, जिससे छात्र मासूम के कहर से बच सके। छात्र की बहन का आरोप है कि 2000 रुपये फीस देनी थी। जिसमें एक हजार रुपये जमा कर चुके थे सिर्फ एक हजार रुपये जमा करने बाकी थे, बस इतनी सी ही बात पर प्रबंधक ने छात्र की बेरहमी से पिटाई कर इंसानियत की सारी हदें तोड़ दी। एक शिक्षक का यह भयावह रूप एवं रोते बिलखते मासूम को देख विद्यालय के अन्य बच्चों की रूह कांप गयी। बेसुध अपने मासूम को देख पिता राजेश अवस्थी ने एसडीएम विजेयता सिंह से शिकायत की, जिसके बाद पीडि़त छात्र ने आपबीती सुनाई। जिस पर एसडीएम ने शिवली कोतवाली में प्रबंधक के खिलाफ कार्यवाही के आदेश दिए हैं।
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