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सत्य की राह पर चल रहे संत देवकी नंदन, वकीलों के प्रदर्शन में शामिल हो सकते ठाकुर

locationकानपुरPublished: Sep 13, 2018 02:04:07 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

19 सितंबर को कानपुर में वकील करेंगे एससी-एसटी कानून के खिलाफ धरना-प्रदर्शन, संत देंवकीनंदन को देंगे आने का आमंत्रण

Devkinandan Thakur participate in advocates protest against sc st act

सत्य की राह पर चल रहे हैं संत देवकीनंदन, 19 को वकीलों के प्रदर्शन में भाग लेंगे ठाकुर

कानपुर। सुप्रीप कोर्ट के एससी-एसटी एक्ट कानून के आदेश के बदले जाने पर मोदी सरकार के खिलाफ जहां पूरे देश के सवर्ण आगबबूला हैं तो वहीं गैर राजनीतिक संगठनों के साथ संत समाज भी अब खुलकर सामने आ गए हैं। कथावावक और आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुर ने इस कानून के खिलाफ आगरा में प्रदर्शन करना चाहते थे. लेकिन पुलिस ने धारा 144 का हवाला देकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। हालांकि बाद में उन्हें निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया। इसकी खबर संतों को हुई तो उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ को चेतावनी देते हुए कहा कि संतों को परेशान न किया जाए। क्योंकि संत सत्य के साथ खड़े रहते हैं और जब भी कोई असत्य के मार्ग पर चलता है तो उसे सही रास्ता दिखाने के लिए हम ही आगे आते हैं। पनकी हनुमान मंदिर के महंत जीतेंद्र दास ने कहा कि गुरू देवकीनंदन जी मोदी सरकार को जगाने के लिए आगे आए हैं पर उन्हें बिना बात किए हिरासत में ले लिया गया, जो सरासर गलत है। जबकि बार एसोसियशन के पूर्व महामंत्री दिनेश शुक्ला ने कहा हमलोग गुरू देवकीनंदन से बात करेंगे और 19 सितबंर को उन्हें धरना-प्रदर्शन में शामिल करने के लिए आमंत्रण देंगे। जल्द ही उनसे संपर्क किया जाएगा।

आगरा में किए गए थे गिरफ्तार
देवकीनंदन ठाकुर एससी एसटी एक्ट का विरोध करने मंगलवार को आगरा आए थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें अनुमति नहीं दी। अनुमति न मिलने पर उन्होंने कमला नगर स्थित एक होटल में दोपहर 2 बजे प्रेस कांफ्रोस की। प्रेस कांफ्रेंस के 2 घंटे बाद यानी 4 बजे उनको शांति भंग के आरोप में धारा 151 में गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस उनको गिरफ्तार कर पुलिस लाइन ले गई। जहां से उनको निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। प्रेस कांफ्रेंस में देवकीनंदन ने बताया कि उनको बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। सोशल मीडिया के माध्यम से उनको जान से मारने की भी धमकी दी गई है। ये सब एससी एसटी एक्ट कानून का विरोध करने पर किया जा रहा है। अगर सरकार इस कानून में बदलाव नहीं करती है तो हम उग्र आन्दोलन करेंगे।

19 को आ सकते हैं कानपुर
बर एसोसिएशन के तत्वावधान में वकील एससी-एसटी एक्ट के विरोध के लिए 19 सितंबर को शिक्षक पार्क में धरना-प्रदर्शन करेंगे और एक विशाल रैली के जरिए लोगों को अपने साथ जोड़कर मोदी सरकार के खिलाफ हल्लाबोलेंगे। पूर्व महामंत्री दिनेश शुक्ला ने बताया कि कथावावक और आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुर को प्रदर्शन में शामिल होने के लिए आमंत्रण देकर बुलाएंगे। शुक्ला कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले कोर्ट के आदेश को बदला और अब संत समाज को जेल भेज रही है। पीएम मोदी को समझना चाहिए कि संत समाज को बांटने के बजाए जोड़ने का काम करते हैं। जबकि राजनीतिक दल समाज को बांटों और राज करो का कार्यनामा करते आ रहे हैं। कथावावक और आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुर ने सत्य की राह पर चलने का प्रण लिया है और उनके साथ करोड़ों सवर्ण और ओबीसी समाज के लोग साथ खड़े हैं।

6 साल की उम्र में छोड़ दिया था घर
देवकीनंदन ठाकुर का जन्म 12 सितंबर 1978 को उत्तर प्रदेश के मथुरा में हुआ था। वह श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा के ओहावा गांव के एक ब्राह्मण परिवार से हैं। उनकी मां श्रीमद्भागवतगीता महापुराण में काफी विश्वास रखती थीं। उनके अलावा उनके 4 भाई और दो बहनें भी हैं। 6 साल की उम्र में वह घर छोड़कर वृंदावन पहुंचे और ब्रज के रासलीला संस्थान में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने भगवान कृष्ण और भगवान राम की भूमिकाएं निभाईं। कहा जाता है कि 13 साल की उम्र में उन्होंने श्रीमद्भागवतपुराण कंठस्थ कर लिया। उन्होंने निंबार्क संप्रदाय के अनुयायी के रूप में गुरु-शिष्य की परंपरा के तौर पर दीक्षा ली। 18 साल की उम्र में दिल्ली के शाहदरा में श्रीराममंदिर में श्रीमदभागवत महापुराण के उपदेश लोगों को दिए। इसके बाद उन्होंने कई जगहों पर श्रीकृष्ण और राम कथा का वाचन किया।

इस बयान के बाद चर्चा में आए कथावाचक
एससी-एसटी एक्ट में किए गए बदलाव को समाज बांटने वाला बताते हुए भागवताचार्य देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार अगले दो महीने में इस एक्ट को सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार रूप में बदल दे। यदि ऐसा नहीं हुआ तो हम सब मिलकर देश को जातिगत राजनीति वाले दलों से स्थाई समाधान देंगे। .बता दें कि ट्विटर पर उनके 3 लाख 27 हजार फॉलोअर्स जबकि फेसबुक पर 25 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. वह मलेशिया, थाईलैंड, डेनमार्क, स्वीडन, नार्वे, हॉन्ग-कॉन्ग जैसे देशों में भी वह प्रवचन कर चुके हैं। उनका विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट भी है. वेबसाइट के मुताबिक, उनके आश्रम में संस्कृत छात्र विकास, गौशाला, वृद्धाश्रम, अनाथों को प्रश्रय और समुदाय के बीच एकता स्थापित करने जैसे काम किए जाते हैं। राजनीति के आने के प्रश्न पर देवकी नंदन कहते हैं कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे, सरकार बस समाज को बांटे नहीं।

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