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कोरोना की तीसरी लहर को लेकर आईआईटी कानपुर के दो प्रोफेसर के अलग-अलग दावे, क्या है हकीकत

locationकानपुरPublished: Jun 23, 2021 11:53:47 pm

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

तीसरी लहर को लेकर आईआईटी कानपुर के दो प्रोफेसर के अलग-अलग दावे सामने आ रहे हैं।

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर आईआईटी कानपुर के दो प्रोफेसर के अलग-अलग दावे, क्या है हकीकत

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर आईआईटी कानपुर के दो प्रोफेसर के अलग-अलग दावे, क्या है हकीकत

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर. देश के लिए संकट बना कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) की आशंका को लेकर सरकार से लेकर आईआईटी कानपुर (IIT kanpur) भी अनुमान लगा रही है। वहीं तीसरी लहर को लेकर आईआईटी कानपुर के दो प्रोफेसर के अलग-अलग दावे सामने आ रहे हैं। आईआईटी के एक प्रोफेसर (IIT kanpur Professor) अपनी स्टडी के जरिए कोरोना की तीसरी लहर को खतरनाक बता रहे हैं तो वहीं दूसरे प्रोफेसर के मुताबिक दूसरी लहर की तुलना में कोरोना की तीसरी लहर का असर कमजोर रहेगा।
आईआईटी के प्रो. राकेश रंजन ने गणितीय मॉडल के आधार पर तीसरी लहर को लेकर स्टडी की उसके अनुसार सितंबर-अक्तूबर में कोरोना की तीसरी लहर का पीक होगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह अधिक खतरनाक साबित होगी। जबकि आईआईटी संस्थान के ही वरिष्ठ वैज्ञानिक व पद्मश्री सम्मानित प्रो. मणींद्र अग्रवाल के सूत्र गणितीय मॉडल के आधार पर तीसरी लहर को दूसरी लहर की अपेक्षा कमजोर बताया जा रहा है। हालांकि उनकी स्टडी अभी चल रही है।
प्रो. रंजन के ने बताया कि पूरा देश 15 जुलाई तक अनलॉक हो जाएगा। जनवरी 2021 की तरह लोग मास्क नहीं लगाएंगे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करेंगे। ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर अक्तूबर में जबरदस्त होगी, जिसे पीक टाइम कहा जा सकता है। हालात ऐसे होंगे कि सितंबर से स्थिति खराब होना शुरू हो जाएगी। हालांकि उन्होंने अपनी स्टडी में वैक्सीनेशन का कहीं भी जिक्र नहीं किया है।
प्रो. मणींद्र अग्रवाल के मुताबिक तीसरी लहर आने का समय अभी स्पष्ट नहीं है, इस पर भी रिसर्च जल्द पूरी हो जाएगी। फिर भी जिस तेजी से वैक्सीनेशन हो रहा है। उससे लग रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर दूसरे की अपेक्षा कमजोर होगी। उन्होंने बुधवार को ट्विटर पर प्रोफेसर राजेश रंजन की स्टडी को टैग भी किया और कहा यह उनकी रिपोर्ट नहीं है वह अभी रिसर्च कर रहे हैं, जो जल्द ही पूरी होगी।
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