दूसरे वायरस हुए मिस्क
विशेषज्ञों के मुताबिक इस समय100 से अधिक इन्फ्लुएंजा वायरस सक्रिय हैं जो लोगों पर हमला बोल रहे हैं। ऐसे में डेंगू सिंड्रोम होने का खतरा अधिक है। यानी डेंगू वायरस के साथ दूसरे वायरस मिक्स हो सकते हैं। इसके चलते यह वायरस समय और वातवारण के साथ अपनी संरचना बदलने में सक्षम हैं। बदली संरचना के वायरस डेंगू के साथ मिलकर और घातक हो रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यह संभावना हर मरीज में देखी जा रही है क्योंकि लक्षण कई तरह के सामने आ रहे हैं। बुखार रोगियों में सबसे ज्यादा मामले प्लेटलेट कम होने के हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक इस समय100 से अधिक इन्फ्लुएंजा वायरस सक्रिय हैं जो लोगों पर हमला बोल रहे हैं। ऐसे में डेंगू सिंड्रोम होने का खतरा अधिक है। यानी डेंगू वायरस के साथ दूसरे वायरस मिक्स हो सकते हैं। इसके चलते यह वायरस समय और वातवारण के साथ अपनी संरचना बदलने में सक्षम हैं। बदली संरचना के वायरस डेंगू के साथ मिलकर और घातक हो रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यह संभावना हर मरीज में देखी जा रही है क्योंकि लक्षण कई तरह के सामने आ रहे हैं। बुखार रोगियों में सबसे ज्यादा मामले प्लेटलेट कम होने के हैं।
फेफड़े और पेट में भर रहा पानी
वायरस के संक्रमण से मरीजों को फेफड़े और पेट में पानी भरने की शिकायत हो रही है इससे मरीजों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। निमोनिया का खतरा बन जाता है। वैसे मरीज शॉक सिंड्रोम में अगर नहीं है तो इलाज मैनेज हो जाता है। सभी मरीजों में 102 डिग्री से अधिक बुखार, जी मिचलाना, उल्टी, सिरदर्द, हाथ-पैरों में ऐंठन लक्षण समान रूप से मिल रहे।
वायरस के संक्रमण से मरीजों को फेफड़े और पेट में पानी भरने की शिकायत हो रही है इससे मरीजों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। निमोनिया का खतरा बन जाता है। वैसे मरीज शॉक सिंड्रोम में अगर नहीं है तो इलाज मैनेज हो जाता है। सभी मरीजों में 102 डिग्री से अधिक बुखार, जी मिचलाना, उल्टी, सिरदर्द, हाथ-पैरों में ऐंठन लक्षण समान रूप से मिल रहे।
डेंगू की पहचान हुई मुश्किल
डॉक्टरों का कहना है कि डेंगू की पहचान अब मुश्किल हो गई है। केवल प्लेटलेट का गिरना ही डेंगू का लक्षण नहीं हो सकता है। यह भी संभव है कि कोई दूसरा वायरस हो। मेडिसिन विभाग के डॉ. एसके गौतम का कहना है कि बुखार में डेंगू के लक्षण मिल रहे हैं मेडिकल कॉलेज में एंटीबॉडी की जांच संभव है यानी इस जांच में संक्रमण के सात दिन बाद ही वायरस की पुष्टि हो सकती है। संभव है यह भी एक वजह है जो बुखार रोगियों में डेंगू निगेटिव मिल रहा है। एंटीजेन जांच से स्थिति स्पष्ट हो जाती है। वैसे यह सही है कि डेंगू वायरस ने संरचना बदली है क्योंकि लक्षण बेहद जटिल रूप में सामने आ रहे हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि डेंगू की पहचान अब मुश्किल हो गई है। केवल प्लेटलेट का गिरना ही डेंगू का लक्षण नहीं हो सकता है। यह भी संभव है कि कोई दूसरा वायरस हो। मेडिसिन विभाग के डॉ. एसके गौतम का कहना है कि बुखार में डेंगू के लक्षण मिल रहे हैं मेडिकल कॉलेज में एंटीबॉडी की जांच संभव है यानी इस जांच में संक्रमण के सात दिन बाद ही वायरस की पुष्टि हो सकती है। संभव है यह भी एक वजह है जो बुखार रोगियों में डेंगू निगेटिव मिल रहा है। एंटीजेन जांच से स्थिति स्पष्ट हो जाती है। वैसे यह सही है कि डेंगू वायरस ने संरचना बदली है क्योंकि लक्षण बेहद जटिल रूप में सामने आ रहे हैं।
गंदगी भी जिम्मेदार
डॉक्टरों का कहना है कि वैसे तो डेंगू वायरस साफ पानी में पनपता है मगर बुखार के लिए गंदगी कम जिम्मेदार नहीं है। वायरस का जटिल करने में गंदगी मददगार साबित हो रही है। बारिश का पानी ठहरा है। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में आवासीय क्षेत्रों में चट्टों की भरमार है। विशेषज्ञों के मुताबिक कई वायरस साथ हमला बोल सिंड्रोम के रूप में सामने आ सकते हैं। गंदगी में कौन सा वायरस संरचना बदल लेगा और किस रूप में आएगा? यह बताना मुश्किल है।
डॉक्टरों का कहना है कि वैसे तो डेंगू वायरस साफ पानी में पनपता है मगर बुखार के लिए गंदगी कम जिम्मेदार नहीं है। वायरस का जटिल करने में गंदगी मददगार साबित हो रही है। बारिश का पानी ठहरा है। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में आवासीय क्षेत्रों में चट्टों की भरमार है। विशेषज्ञों के मुताबिक कई वायरस साथ हमला बोल सिंड्रोम के रूप में सामने आ सकते हैं। गंदगी में कौन सा वायरस संरचना बदल लेगा और किस रूप में आएगा? यह बताना मुश्किल है।