यह समीक्षा बैठक जिले के माल रोड के हीरापन्ना लॉन में संपन्न हुई। चुनाव में मिली करारी हर बाद पहले बार हुई पार्टी की इस बैठक में चुनाव लड़ने, हारने और टिकट पाने वाले नेताओं ने अपनी भड़ास निकाली। सम्मलेन के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री राम आसरे विश्वकर्मा के सामने मंच पर ही नेता आपस में खूब लाड़े। मंच पर चल रहे झगड़े को देखकर उन्होंने कहा कि कोई शिकायत हो तो लिखित में दें, सम्मलेन के मंच को ख़राब न करें।
सम्मेलन में दिखा नेताओं का गुट
इस सम्मलेन में नेता अपने अपने बयानों से गुटबाजी करते हुए दिखे। सपा नगर अध्यक्ष हाजी फज़ल महमूद और सीसामऊ विधायक इरफ़ान सोलंकी एक गुट में दिखे। वहीं दूसरी ओर आर्य नगर विधायक अमिताभ बाजपेई, पूर्व नगर अध्यक्ष चंद्रेश सिंह, पूर्व महामंत्री मोहम्मद हसन रूमी दूसरे गुट में दिखे।
सम्मेलन में सपा के कैंट के पूर्व प्रत्याशी परवेज अंसारी ने कहा कि जब उन्हें टिकट मिला तो पार्टी के कुछ नेता उन्हें हरा रहे थे। अब वे नेता पद पाना चाहते हैं। उनके इतना कहते ही मंच मोहम्मद हसन रूमी खड़े हो गए और कहा की जिन्होंने पांच साल तक फील्ड में उतर कर मेहनत की उन्हें टिकट न मिल कर बिना मेहनत वाले नेताओं को मिला था। रूमी ने आगे कहा कि उन्होंने टिकट मिलने के बाद नामांकन करा लिया था लेकिन अखिलेश यादव के निर्देशानुसार चुनाव नहीं लड़ा।
वहीं दूसरी ओर सपा विधायक इरफ़ान सोलंकी का कहना है कि उनके विधानसभा में 17 वार्ड हैं, जिनमें अधिकतर सपा के पार्षद बनेंगे। विधायक अमिताभ बाजपेई भी 40 वार्डों में ध्यान लगाने से बेहतर है कि अपनी विधानसभा से पार्षदों को जितायें।
इसके जवाब में अमिताभ बाजपेई ने कहा की वह और इरफ़ान एक और एक ग्यारह जाएंगे तो 40-50 वार्ड भी जीत जाएंगे। सपा नगर अध्यक्ष फज़ल महमूद ने कहा कि चुनाव के वक्त किसी ने ध्यान नहीं दिया। इरफ़ान सोलंकी की मदद से तीन सीटें पार्टी पहली बार नगर में जीती है।