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शासन से मंजूरी न मिलने से इन 59 गांव के लोगों को पीना पड़ा रहा जहर

locationकानपुरPublished: Aug 16, 2017 05:46:00 pm

Submitted by:

shatrughan gupta

जिले के आठ ब्लॉकों के 59 गांवों में हुए सर्वे में भूजल का प्रथम स्तर दूषित मिलने पर पेयजल परियोजना का प्रस्ताव तैयार किया गया था।

Uttar Pradesh Water Corporation

Uttar Pradesh Water Corporation

कानपुर देहात. अति भूजल दोहन से जहां जलस्तर गिरता जा रहा है, वहीं बढ़ते प्रदूषण व औद्योगिक कचरा से दूसरे स्तर का भूजल दूषित हो गया है। इसके कारण जिले के आठ ब्लॉकों के 59 गांवों में हुए सर्वे में भूजल का प्रथम स्तर दूषित मिलने पर पेयजल परियोजना का प्रस्ताव तैयार किया गया था। शासन से मंजूरी न मिलने से ये परियोजना अटकी पड़ी है। ऐसी स्थिति में इन गांव के लोगों को नल से निकलने वाला दूषित पानी पीना पड़ रहा है। पानी मे हार्डनेस की समस्या है। हार्डनेस युक्त व दूषित पानी लोगों को बीमारी की चपेट मे ले रहा है। इसी को लेकर अधिकतर ग्रामीण आबादी मे 2021 तक पाइप पेयजल योजना से शुद्ध जलापूर्ति का लक्ष्य है, जिन गांव में पाइप लाइन पेयजल योजना के प्रस्ताव भेजे गए हैं, उनकी मंजूरी शासन स्तर से फंसी हुई है।
जल निगम ने अगस्त 2016 मे मलासा मे 7 व झींझक ब्लॉक में 7, अकबरपुर में 6, अमरौधा में 3, मैथा में 9, डेरापुर व सरवनखेड़ा में 8-8 सहित रसूलाबाद में 11 पेयजल परियोजना को मंजूरी के लिए शासन को भेजा था।
प्रस्ताव मे भेजे गए ब्लॉक व उनके गांव
झींझक. जजमुइया, मुडेरा किन्नर सिंह, लक्षमणपुर पिलख, बनीपारा, खम्हैला, डगरहाए बान व बचीतपुरवा रसूलाबाद, जोत, पहाड़ीपुर, सुनासी, मेघजाल, मल्लपुर, सूरजपुर, चितई चौबेपुर, गम्भीरा, गदाईपुर, मिर्जापुर लकोटिया, बाड़ापुर अकबरपुर-बिवाइन, हसनापुर, कुढ़वा, मडौली, नरिहा व सरायां सरवनखेड़ा-दुआरी, गंगरौली, जलालपुर नागिन, लोधीपुर, मनेथू, रसूलपुर गोगूमऊ, सैंथा, शेरपुर, तरौंदा मैथा-ककरदही, लालपुर शिवराजपुर, रैपालपुर, राष्ट्रपुर, गहलौं जरवी, फत्तेपुर निहुंटा, भंवरपुर, जुगराजपुर बिठूर व कैरानी अमरौधा-पुखरायां देहात, चपरघटा, गुडग़ांव मलासा-सनायखेड़ा, मोहम्मदपुर, कैलई, जरसेन, अकबरपुर नगर, चौकी व अकोड़ी डेरापुर-नोनारी बुजुर्ग, परौंख, फत्तेपुर, सिउंठा, मुंगीसापुर, सिठमरा, डूंडीबरी व सरगांव बुजुर्ग आदि गांव शामिल हैं।
अधिशासी अभियंता जल निगम एके सिंह का कहना है कि नवीन पेयजल परियोजनाओं का प्रस्ताव शासन से लंबित है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के गांव परौंख मे टंकी निर्माण के लिए प्रस्ताव संशोधित कर दोबारा भेजा गया है। मंजूरी मिलने पर पाइप लाइन पेयजल परियोजना का काम शुरू होगा।
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