कानपुर

जमीन खरीदने का सुनहरा मौका, लगातार चौथी साल नहीं बढ़े डीएम सर्किल रेट

मध्यम वर्ग का शासन ने रखा ख्यालभू-माफिया और बिल्डरों को झटका

कानपुरJul 11, 2019 / 11:37 am

आलोक पाण्डेय

जमीन खरीदने का सुनहरा मौका, लगातार चौथी साल नहीं बढ़े डीएम सर्किल रेट

कानपुर। घर का सपना संजोए मध्यम वर्ग को शासन ने बड़ी राहत दी है। इस बार भी शासन ने कानपुर समेत प्रदेश में डीएम सर्किल रेट नहीं बढ़ाया। यह लगातार चौथी साल है जब डीएम सर्किल रेट नहीं बढ़ाया गया है, जिससे जमीनों के दाम ज्यादा नहीं बढ़े और घर बनाने के लिए सस्ती जमीन तलाश करना आसान रहेगा। लोगों ने शासन के इस निर्णय का खुलकर स्वागत किया है।
बहुत ज्यादा हैं सर्किट रेट
प्रदेश में डीएम सर्किल रेट को लेकर मौजूदा सरकार की सोच अलग है। शासन का मानना है कि डीएम सर्किल रेट पहले ही काफी ज्यादा हैं, जो आम आदमी की पहुंच से बाहर हैं, फिर भी लोग कोशिश करके संपत्ति की खरीदारी कर लेते हैं। ऐसे में यदि फिर जमीनों के दाम बढ़े तो कम और मध्यम आय वर्ग के लिए संपत्ति खरीदना मुश्किल हो जाएगा। जिसके चलते शासन का सबको घर दिलाने का सपना भी मुश्किल में पड़ जाएगा। पिछली सरकारों ने सर्किल रेट बढ़ाते समय मध्यम वर्ग का ध्यान नहीं रखा, जिस कारण तेजी से डीएम सर्किल रेट बढ़ाए गए थे। पर चार साल से इसमें कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई।
बढ़ोत्तरी से भूमाफिया को होता फायदा
डीएम सर्किल रेट बढऩे से सबसे बड़ा फायदा भूमाफिया और बिल्डरों को होता है। सर्किल रेट बढऩे पर भूमाफिया के लिए कालाधन खपाना आसान हो जाता है, जबकि मध्यमवर्गीय लोगों के लिए जमीन खरीदना मुश्किल रहता है। लेकिन सर्किल रेट न बढऩे से भूमाफिया को भी झटका लगा है। भूमाफिया ज्यादातर हाईवे के पास की जमीनों को किसानों से खरीदकर कॉलोनियां विकसित करते हैं। इससे जमीन भी उनके हाथ में आ जाती है और कालाधन भी आसानी से सफेद हो जाता है।
आवासीय परियोजना में होगी आसानी
केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 तक प्रत्येक बेघर को घर देने का वादा किया था। जमीनों के दाम न बढऩे से इस दिशा में कार्य करना आसान होगा। इसके पहले वर्ष 2015 में आखिरी बार डीएम सर्किल रेट बढ़ाए गए थे। 2016 में नोटबंदी के कारण रीयल एस्टेट कारोबार की गति धीमी पड़ गई थी। मुख्य सचिव अनूप चन्द्र पाण्डेय के अनुसार जमीनों के दाम पहले से अधिक होने से सर्किल रेट न बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
 
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