जांच में इम्युनिटी ठीक मिलने पर वह निश्चित हो जाते हैं। जबकि बताया गया कि जिस इम्युनिटी की जांच कराकर वह आ रहे हैं वह कोराना संक्रमण से बचाव में नाकाफी है। चेस्ट रोग विशेषज्ञ प्रो. सुधीर चौधरी के अनुसार लोग रक्त की सामान्य जांच हीमोरेल एंटीबॉडी की टेस्ट करा रहे हैं। जबकि कोरोना से बचाने के लिए या तो वैक्सीन से बनने वाली एंटीबॉडी है या फिर संक्रमण के बाद बनने वाली एंटीबॉडी से कुछ मदद मिल सकती है।
अभी तक कई ऐसे केस आए हैं, जिनमें एंटीबॉडी बनकर कुछ दिनों में ही खत्म हो गई। इसलिए कोरोना से ठीक हुए लोग भी सतर्क रहें। हो सकता है उनमें एंटीबॉडी बनकर खत्म हो गई हो या जो एंटीबॉडी मौजूद है वह डेल्टा वैरिएंट का प्रतिरोध न कर पाए। इसलिए बचाव के लिए प्राथमिकता में मास्क और सोशल डिस्टेंस का पालन जरूर करें। जबकि अधिकतर लोग नजर अंदाज कर रहे हैं, जो बड़े खतरे में फंस सकते हैं। उन्होंने कहा कि रोज लगभग 10 केस पॉजिटिव आ रहे हैं। इसी से लोगों को यह समझ लेना चाहिए कि वायरस गया नहीं है।