बिल्हौर के देवहा गाँव निवासी विजय कुमार तिवारी पित्त की थैली के कैंसर से पीडि़त थे। बुधवार को विजय को हैलट लाया गया था। गुरुवार तड़के विजय तिवारी की हालत अचानक बिगड़ी तो परिजन जूनियर डॉक्टरो को खोजने लगे, लेकिन उस दौरान कोई भी जिम्मेदार शख्स इमरजेंसी में नहीं मिला और कुछ ही देर बाद विजय की सांसें थम गयी। जिसके बाद तीमारदारों का गुस्सा भड़क गया और फिर इमरजेंसी में मौजूद जो भी शख्स मिला, उसके साथ मारपीट करने लगे। जिसमें कुछ जूनियर डॉक्टर भी शामिल थे।
जब मारपीट की सूचना अन्य जूनियर डॉक्टरों को पता चली तो सैकड़ों की तादाद में वे इमरजेंसी पहुंच गये और हंगामा कर रहे मृतक के दोनों बेटों सूरज और दीपक समेत अन्य तीमारदारों को डंडों से बुरी तरह पीटा। इस दौरान बीच-बचाव करने आई सूरज की माँ व बहन को भी डॉक्टरों ने नहीं बख्शा और दोनों को पीट दिया। इस बीच इमरजेंसी में अफरातफरी मच गई, जिसे जहां जगह मिली वह अपनी जान बचाता हुआ भागता दिखा।
डॉक्टरों की पिटाई से बुरी तरह जख्मी मृतक के बड़े बेटे सूरज को आईसीयू में भर्ती कराया गया है, जबकि दीपक के चेहरे समेत शरीर में गंभीर चोटें आई है। मारपीट की सूचना पर मंडलायुक्त सुभाष चन्द्र शर्मा, एसपी (पश्चिम) संजीव सुमन, प्राचार्या डॉक्टर आरती लाल चन्दानी, डा$ॅ संजय काला, सीओ स्वरूप नगर अजीत कुमार चौहान समेत स्वरूपनगर, काकादेव व नवाबगंज थाने का फोर्स पहुंचा। घटना से क्षुब्ध होकर जूनियर डॉक्टर धरने पर बैठ गए हैं, जिसके चलते इमरजेंसी में भर्ती मरीजों का इलाज ठप हो गया। किसी तरह प्राचार्या समेत अन्य वरिष्ठ चिकित्सकों ने धरने पर बैठे जूनियर डॉक्टरों को समझाया तब कहीं जाकर जूनियर डॉक्टर काम पर लौटे।