शिवपुरी (झांसी) से डबल डेकर टूरिस्ट बस इलाहाबाद गई हुई थी। सोमवार की रात वहीं से वापस लौट रही थी। बस यात्रियों से खचाखच भरी थी और उसमें चालक-परिचालक के साथ ही महिलाओं-बच्चों समेत करीब 95 यात्री सवार थे। देर रात करीब 9.45 बजे के आसपास बस जैसे ही घाटमपुर कस्बे के मुख्य चौराहे के पास पहुंची।
मुख्य चौराहे के पास ट्रैफिक पुलिस के साथ ही कुछ दुकानदारों ने बस के पिछले पहियों से धुएं का गुबार और आग की चिनगारियां निकलते देखीं तो शोर मचाया और चालक को इशारा करके बस रुकवाई। बस रुकते ही वहां धुएं का गुबार छा गया। किसी अनहोनी और आग लगने की आशंका से बस में सवार यात्री खिड़कियों के रास्ते से नीचे कूदने लगे। जबकि, ऊपर की सीटों पर सो रहे कई यात्री हड़बड़ी में जागे तो नीचे आ गिरे जिससे उनको चोट भी लगी।
जैसे ही बस में सवार यात्रियों को धुंआ निकलने का पता चला तो उनमें हडक़ंप मच गया। परिवार के साथ बस में सवार लोग बाहर निकलने की जल्दबाजी में खिडक़ी के शीशे तोडऩे लगे। यात्रियों ने बताया कि बताया कि बस रुकते ही धुएं का गुबार देख उसे लगा कि बस में आग लग गई है। इससे वह लोग परेशान हो उठे। कुछ लोग तो शीशे तोडक़र बस से बाहर भी कूद गए।
यात्रियों ने बताया कि जैसे ही पता चला कि बस के पिछले हिस्से में आग लग गई तो उन आंखों के सामने कन्नौज हादसा दिखाई देने लगा। गनीमत है कि लोगों ने धुंआ और चिंगारी निकलते देख लिया और बस रुकवा दी, अगर कहीं सुनसान इलाके में होते तो शायद आग लग ही जाती। यात्रियों ने घटना के लिए चालक को दोषी ठहराया। हालांकि चालक प्रेम कुमार ने बताया कि ब्रेक शू जाम होने से टायरों के पास से धुआं निकलने लगा था। बताया कि उसको टायर जाम होने का अहसास हुआ लेकिन, जबतक बस रोकता उसे पहले चौराहे के पास मौजूद लोगों ने बस रुकवा दी।