कानपुर

घाटमपुर की मंदाकनी बनी दामिनी, इंसाफ पाने के लिए मैदान में उतरी

हर बेटी का सपना होता है की उसकी शादी किसी ऐसे घर में हो जहां उसे खुशियां मिलें। वो ससुराल में बहू नहीं बेटी बनकर रहे।

कानपुरSep 18, 2017 / 02:15 pm

आकांक्षा सिंह

कानपुर. हर बेटी का सपना होता है की उसकी शादी किसी ऐसे घर में हो जहां उसे खुशियां मिलें। वो ससुराल में बहू नहीं बेटी बनकर रहे। लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है की ससुराल में बेटियों को ख़ुशी मिलने के बजाय यातनाएं मिलने लगती हैं। घाटमपुर की रहने वाली मंदाकनी सचान के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। ससुराल वाले दहेज की मांग पूरी न होने पर उसे मारते-पीटते और कई-कई दिन भोजन नहीं देते थे। फिर वो सभी प्रताड़नाओं को सहती रही, लेकिन इसी दौरान उसे पता चला कि पति के संबध एक महिला से हैं और वो उससे विवाह करना चाहता हैं तो उसने पुलिस थाने में जाकर शिकायत की। ससुराल वालों की पहुंच सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के पास होने से पुलिस ने उन पर कार्रवाई नहीं की। जिससे आहत होकर पीड़िता ने गुलाबी गैंग से मिलकर आर-पार की लड़ाई का एलान कर दिया।


दूसरी महिला से पति के अवैध संबध


घाटमपुर कोतवाली निवासी मंदाकिनी को उसके ससुराल वालों ने दहेज से लेकर शरीरिक उत्यपीड़न किया। उसने इंसाफ के लिए पुलिस और सत्ता में बैठे नेताओं के दर पर फरियाद लगाई, लेकिन उसकी कहीं सुनवाई नहीं हुई। मंदाकिनी सचान की शादी कुंवरपुर में रहने वाले जितेंद्र सचान के साथ हुई थी। कुछ दिनों तक तो सब कुछ सही चलता रहा लेकिन जब मंदाकिनी ने दो बेटीयों को जन्म दिया तो उसके बाद से ही ससुरालवाले और पति ने प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। काफी समय तक ससुराल वालों और जितेंद्र का यह सिलसिला जारी रहा। पति जितेंद्र का ट्रांसपोर्ट का काम है और ट्रांसपोर्ट में काम कर रही युवती से संबध हैं। मंदाकनी ने बताया कि जब पति की करतूत की जानकारी हुई तो मैंने विरोध किया। पति और ससुर ने मेरी पिटाई की और तलाक देने का फैसला कर लिया।

इंसाफ पाने के लिए घर के बाहर चिपकाया पोस्टर 

मंदाकनी ने बताया कि पूरे प्रकरण की शिकायत लेकर मैं कोतवाली पहुंची। मैने पुलिस को तहरीर दी। पुलिस पति को अरेस्ट कर थाने ले आई और एक घंटे के बाद उसे छोड़ दिया। पीड़िता के मुताबिक हो इंसाफ की गुहार लगाने के लिए घाटमपुर की विधायिका कमररानी वरूण के पास गई। उनसे पूरी घटना बताई। विधायिका ने न्याय का भरोसा दिया, लेकि ससुरालवालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। इससे आहत होकर मंदाकनी ने ससुराल के मकान पर एक पोस्टर चस्पा कर लोगों से अपील की है कि दहेज़ उत्पीड़न और ह्त्या के प्रयास के आरोपी पति और उसके परिजनों के खिलाफ लड़ाई में मेरा साथ दें।


गुलाबी गैंग ने भरी ललकार, बेटी को मिलकर रहेगा इंसाफ


इंसाफ न मिलने पर मंदाकनी ने गुलाबी गैंग को अपनी आप बीती बताई गुलाबी गैंग की नेता हेमलता कटियार ने अपने 150 समर्थकों के साथ भैरमपुर गई और हेमलता को इंसाफ दिलवाने का आश्वाशन दिया। गुलाबी गैंग का कहना है की हमारा संगठन न्याय और सच्चाई की लड़ाई लड़ता है इसलिए मंदाकनी को उसका अधिकार दिला कर रहूंगी।। गुलाबी गैंग लीडर का कहना है की हम पुलिस की ऐसी तैसी कर देंगे,,हमारे संगठन के आगे पुलिस कुछ भी नहीं है अगर पुलिस बदमाशी करेगी तो उसको डंडे खाने पड़ेंगे। उनकी बंदूक दिखाने के लिए है लेकिन हमारे पास जो डंडे है वो मारने के लिए है हम पुलिस को डंडे मारकर दिखायेंगे।

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