पहली बार लागू हुए ड्रेस कोड के दायरे में अफसर से लेकर कर्मचारी तक आएंगे। इसके तहत बैंक में जींस, टीशर्ट, सैंडिल आदि पहनकर आने वाले बैंक स्टाफ को बैंक में घुसने नहीं दिया जाएगा। सेंट्रल बैंक महाप्रबंधक (मानव संसाधन) वीके सिंह का कहना है कि कार्यस्थल में ड्रेस से पेशेवर दृढ़ता झलकती है और कॉरपोरेट संस्कृति की पहचान होती है इसलिए बैंक में पहली बार ड्रेस कोड लागू किया जा रहा है। इससे पहले बैंक के चतुर्थ श्रेणी स्टाफ के लिए ही ड्रेस कोड लागू था। अधिकारियों और तृतीय श्रेणी के लिए कोई ड्रेस कोड नहीं था।
अब सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के सभी अधिकारी और कर्मचारी फार्मल ड्रेस पहनेंगे, जो बिल्कुल साफ होगी। वरिष्ठ अधिकारियों को पैंट, शर्ट व टाई पहनना होगी। महिला अधिकारी साड़ी, सलवार सूट, फार्मल ट्राउजर व शर्ट पहनकर आएंगी। शाखा प्रबंधकों को निर्देश हैं कि ड्रेस कोड का पालन नहीं करने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों को बैंक के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। सेंट्रल बैंक महाप्रबंधक (मानव संसाधन) वीके सिंह ने सभी बैंक शाखाओं को निर्देश दिए हैं कि बैंकिंग सेक्टर सेवा क्षेत्र से जुड़ा है। ये बहुत महत्वपूर्ण है कि कर्मचारी शालीन व्यवहार करें और बेहद सलीके से रहें। इससे ग्राहकों को संतुष्टि मिलेगी और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।
बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन के अध्यक्ष रजनीश गुप्ता का कहना है कि ड्रेस कोड लागू करने में कोई बुराई नहीं है लेकिन पहले बैंकों में कॉरपोरेट माहौल दें। बैंकों में एसी चलते नहीं, बैठने की व्यवस्था नहीं है। पहले इसे ठीक करें, फिर ड्रेस कोड लागू करें। दूसरी ओर , यूपी बैंक एम्प्लाइज यूनियन के संयुक्त मंत्री संजय त्रिवेदी का तर्क है कि ड्रेस कोड से प्रोफेशनलिज्म नहीं दिखेगा। पहले स्टाफ की समस्या दूर करें और बुनियादी जरूरतों को पूरा करें तो ग्राहक सेवा में अपने आप इजाफा हो जाएगा।