कानपुर

यहां अस्पताल में ऐसा बवाल आ खड़ा हुआ, फिर मरीज इलाज के लिए तड़पते रहे

बीती रात जिला अस्पताल में हुये विवाद के बाद हालात ये हो गये कि जहाँ भर्ती मरीज तडपते रहे, वहीं बाहर से आने वाले मरीज भटकते रहे।

कानपुरSep 21, 2018 / 04:35 pm

Arvind Kumar Verma

यहां अस्पताल में ऐसा बवाल आ खड़ा हुआ, फिर मरीज इलाज के लिए तड़पते रहे

कानपुर देहात-जनपद स्थित जिला अस्पताल में बीती रात अस्पताल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से विवाद के बाद अस्पताल के चिकित्सक वहां से रफूचक्कर हो गए। जबाजी दोनों चिकित्सक इमरजेंसी ड्यूटी पर थे। इस हंगामे के बाद अस्पताल में सन्नाटा पसर गया, वहीं अस्पताल में भर्ती मरीज बेड पर तड़पते रहे। हालांकि घटना के बाद गुस्साए कर्मियों ने ओपीडी का बहिष्कार कर जमकर हंगामा काटा। इस दौरान अगले दिन भी मरीज इलाज के लिए परेशान रहे। आपातकाल में कुछ मरीजों को निजी चिकित्सको की शरण में जाना पड़ा। जब घटना के बाद अफसर मौके पर पहुंचे और कर्मियों को कार्यवाही का आश्वासन देकर समझाया, तब जाकर मरीजों को इलाज मिला।
 

जिला अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी पर मौजूद स्वास्थ्य कर्मी की दो डाक्टरों द्वारा पिटाई करने से रात करीब 2.30 बजे अफरा तफरी का माहौल बन गया। इमरजेंसी ड्यूटी छोड़कर दोनों डाक्टर किसी को बिना बताए गायब हो गए। रात में यहां ढाई बजे लालपुर से आए मरीज रमेश चंद्र को भर्ती करने के बाद विवाद होने से आपातकालीन सेवा पूरी तरह ठप हो गई। इस दौरान इमरजेंसी वार्ड में मरीज तड़पते रहे, जबकि रात में दुर्घटना के घायलों व गंभीर रोगियों को लेकर जिला अस्पताल आए तीमारदार भटकने के बाद अपने मरीजों को निजी अस्पतालों में ले जाने को विवश हुए। गुरुवार सुबह 5.50 बजे मरीजों के हंगामा करने पर डा. बीपी सिंह को इमरजेंसी ड्यूटी पर भेजा गया। इसके बाद नवोदय विद्यालय से आए मरीज विमल कुशवाहा को भर्ती कर उपचार शुरू हुआ।
 

गुरुवार सुबह घटना के विरोध में स्वास्थ्य कर्मियों के ओपीडी का बहिष्कार कर देने से 12.30 बजे तक डाक्टरों के कक्ष, दवा वितरण कक्ष पर्चा बनने वाले कक्ष में तालाबंदी रही। जिला अस्पताल आए मुरलीपुर के ब्रज मोहन, काशीपुर के शिव मूरत सिंह, सोनी सिंह, हसनापुर की शहनाज, बनीपारा के अशोक व अजीत, अमरौधा के नसीम व रश्मी, जिनई के खलील व उसकी पुत्री शबाना आदि मरीज भटकते रहे। डीएम के निर्देश पर एसडीएम सदर एके सिंह, एसीएमओ डा. वीपी सिंह, डिप्टी सीएमओ डा.महेंद्र ने सीएमएस डा. रमेश चंद्रा व कर्मचारियों को बुलाकर वार्ता करने के बाद दोषियों के खिलाफ कारवाई का भरोसा दिया। इसके बाद कर्मचारियों के काम पर वापस आने से 12.30 बजे मरीजों का उपचार शुरू हो सका।

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