बताते चलें कि खोजाफूल कस्बे में अमराहट मोड़ के पास हाईवे पर 11 नवंबर को अज्ञात वाहन की चपेट में आकर बाइक सवार नोनारी डेरापुर के बलराम कुशवाहा की मौत हो गई थी। इसके बाद ग्रामीणों ने हाईवे पर जाम लगाकर हंगामा काटा था। इस बीच पहुंची पुलिस पर पथराव किया था। पथराव में दो उप निरीक्षक घायल हो गए थे। इस हुडदंग में पुलिस के कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए थे। इससे वहां अफरा तफरी का माहौल बना था। मामले में सिकंदरा थाने के एसआई राजेंद्र सिंह ने खोजाफूल के मुकेश उर्फ मुन्नू, अजय दीक्षित, कैलाश, जालिम सिंह, भोले बाजपेई, नरेंद्र पाल, अनूप व सत्यभान तथा अमराहट के मनोज पांडेय व करियापुर अमराहट के सोनू तथा चंदन को नामजद करने के साथ 80-90 अज्ञात लोगों के खिलाफ बलवा, पुलिस मुजहमद, सरकारी वाहनों को क्षतिग्रस्त करने, पुलिस पर हमला करने तथा 7 क्रिमिनल एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
पुलिस ने नामजद आरोपित अमराहट के मनोज पांडेय व खोजाफूल के कैलाश को गिरफ्तार कर लिया था। घटना के बाद से दो दिन तक खोजाफूल गांव में सन्नाटा पसरा मिला। नामजद आरोपित जहां घरों में ताले डालकर घरों से नदारद मिले। गांव में मिली महिलाओं का कहना था कि पुलिस दिन व रात में कई कई बार दबिश दे रही है। इससे गांव के अधिकांश लोग घरों के बजाय जंगल व रिश्तेदारियों में डेरा डालने को विवश है। सीओ सिकंदरा आरके मिश्रा ने बताया कि पुलिस नामजद आरोपियों की तलाश के साथ उपद्रव में शामिल लोगों को चिह्नित कर रही है। उपद्रवियों के खिलाफ ठोस तथ्य मिलने पर कार्यवाही होगी, लेकिन किसी भी निर्दोष का उत्पीड़न नहीं होगा।