पिछले साल के मुकाबले ठंड कम
पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले इस बार ठंड कम है। आधा नवंबर बीतने के बावजूद इस बार ठंड कम है। मौसम विभाग की रिपोर्ट बताती है कि जलवायु परिवर्तन के कारण वायुमंडल में गर्म हवाएं देर तक रुकी हैं। पिछले साल इस समय तक पारा सामान्य से करीब १३.५ डिग्री नीचे चला गया था जबकि इस बार नवम्बर के १८ दिन बीतने के बाद पारा सिर्फ १२.८ डिग्री नीचे ही जा पाया है।
पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले इस बार ठंड कम है। आधा नवंबर बीतने के बावजूद इस बार ठंड कम है। मौसम विभाग की रिपोर्ट बताती है कि जलवायु परिवर्तन के कारण वायुमंडल में गर्म हवाएं देर तक रुकी हैं। पिछले साल इस समय तक पारा सामान्य से करीब १३.५ डिग्री नीचे चला गया था जबकि इस बार नवम्बर के १८ दिन बीतने के बाद पारा सिर्फ १२.८ डिग्री नीचे ही जा पाया है।
रात में बढ़ रही ओस
दिन और रात में आसमान खुला होने की वजह से रात में ओस की मात्रा बढ़ रही है। दिन में अधिकतम तापमान २८ डिग्री और रात मे ंन्यूनतम तापमान १५.८ डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है। इससे रात के समय गर्म कपड़े पहनना जरूरी है, वरना दिन में बिना गर्म कपड़े के बाहर निकलने वालों के लिए रात में ठंडक परेशानी खड़ी कर सकती है।
दिन और रात में आसमान खुला होने की वजह से रात में ओस की मात्रा बढ़ रही है। दिन में अधिकतम तापमान २८ डिग्री और रात मे ंन्यूनतम तापमान १५.८ डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है। इससे रात के समय गर्म कपड़े पहनना जरूरी है, वरना दिन में बिना गर्म कपड़े के बाहर निकलने वालों के लिए रात में ठंडक परेशानी खड़ी कर सकती है।
मौसम विज्ञानियों ने जताई चिंता
मौसम विभाग के स्थानीय निदेशक नौशाद खान ने बताया कि पिछले साल पूना में आयोजित मौसम विभाग के राष्ट्रीय सेमिनार में जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंता जताई गई थी। मौसम विज्ञानियों ने अनुमान जताया था कि इस बार ठंड का मौसम हल्का रहेगा। सर्दी देर से शुरू होगी और जल्दी खत्म हो सकती है। ऐसे में गर्मी का प्रकोप ज्यादा समय तक रहेगा।
मौसम विभाग के स्थानीय निदेशक नौशाद खान ने बताया कि पिछले साल पूना में आयोजित मौसम विभाग के राष्ट्रीय सेमिनार में जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंता जताई गई थी। मौसम विज्ञानियों ने अनुमान जताया था कि इस बार ठंड का मौसम हल्का रहेगा। सर्दी देर से शुरू होगी और जल्दी खत्म हो सकती है। ऐसे में गर्मी का प्रकोप ज्यादा समय तक रहेगा।
प्रदूषण बन रहा परेशानी
मौसम में उतार चढ़ाव के बीच प्रदूषण कोढ़ में खाज जैसी हालत पैदा कर रहा है। एक तो सर्दी गर्मी की वजह से लोग जुकाम और बुखार के शिकार बन रहे हैं तो दूसरी ओर प्रदूषण भी गले में संक्रमण पैदा कर रहा है। ऐसे में डॉक्टरों ने इससे बचाव के लिए सुबह शाम गर्म कपड़े पहनने और ठंडी चीजों के सेवन से दूर रहने की हिदायत दी है।
मौसम में उतार चढ़ाव के बीच प्रदूषण कोढ़ में खाज जैसी हालत पैदा कर रहा है। एक तो सर्दी गर्मी की वजह से लोग जुकाम और बुखार के शिकार बन रहे हैं तो दूसरी ओर प्रदूषण भी गले में संक्रमण पैदा कर रहा है। ऐसे में डॉक्टरों ने इससे बचाव के लिए सुबह शाम गर्म कपड़े पहनने और ठंडी चीजों के सेवन से दूर रहने की हिदायत दी है।