कानपुर देहात के डेरापुर तहसील क्षेत्र के किशौरा गांव में कुम्हारों का हाल बेहाल है। इन लोगो का कहना है कि हमारा यह रोजगार हमारी जाति के नाम से जाना जाता है, लेकिन हम आज इतने लाचार हैं। तभी तो न हमारे पास छत है, न खेती, न कोई व्यापार। क्योंकि धीरे धीरे हमारा यह व्यपार बन्द होने की कगार पर है। न ही लोग कुछ ऑडर करते है, न ही बाजारों में इनको कोई पूछता है। दिवाली के दीप की भी मांग अब खत्म सी होती जा रही है। गर्मी के मौसम में तो एक समय ऐसा हुआ करता था। जब लोगो के घरों में ठंडा पानी पीने के लिए मिट्टी का घड़ा हुआ करता था, लेकिन आज हालात यह है कि इन घड़ों को 30 प्रतिशत लोग ही पूछते है। घड़ों की जगह फ्रिज ने ले रखी है। ऐसे में रोजगार दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है। न हम लोगो पर सरकार ध्यान दे रही है, न हम अपने रोजगार को बढ़ा पा रहे हैं।