कानपुर

जल्द मिलेंगी सस्ती बाइक और कार, ऐसे करना होगा आवेदन

प्रदेश के थानों में खड़े लावारिस-कबाड़ वाहनों की नीलामी का फैसला इस मर्तबा होगी ई-नीलामी, किसी भी जिले में खरीद सकेंगे वाहन

कानपुरSep 02, 2019 / 12:10 pm

आलोक पाण्डेय

जल्द मिलेंगी सस्ती बाइक और कार, ऐसे करना होगा आवेदन

कानपुर। वाहन खरीदना चाहते हैं और बजट इजाजत नहीं दे रहा है तो आपके लिए वाहन खरीदने का यह सही मौका हो सकता है। आपको कम दामों में अच्छा वाहन मिल सकता है। जिले के थानों में खड़े कबाडऩुमा लावारिस वाहनों की अब ई-नीलामी होगी। इसमें कोई भी शामिल हो सकेगा। इसके लिए मुख्यालय स्तर पर खाका तैयार हो रहा है। इन वाहनों की नीलामी से लेकर मालिकाना देने तक की प्रक्रिया के लिए अफसरों को ट्रेंड भी कर दिया गया है।
बिक्री के लिए प्रक्रिया होगी आसान
परिवहन मुख्यालय के एआरटीओ प्रभात पांडेय ने बताया कि ई-नीलामी व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसका खाका तैयार किया जा रहा है। आरटीओ अफसरों ने बताया कि सूबे के सभी थानों में सीज लावारिस या फिर टैक्स अदायगी न होने से खड़े वाहन कई बार जटिल नीलामी प्रक्रिया या फिर एक ही जिले के खरीदार होने से बिक नहीं पाते। इसकी वजह से थानों में वाहनों का कबाड़ जमा होता जा रहा है। इन वाहनों के अधिक से अधिक खरीदार सामने आएं, इसके लिए नई व्यवस्था की गई है। ताकि खरीदार को कागजी कार्यवाही में किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
दिसंबर में कराई जाएगी ई-नीलामी
आरटीओ अफसरों ने बताया है कि दिसंबर-2019 तक ई-नीलामी की व्यवस्था अमल में आ जाएगी। नई व्यवस्था में वाहनों की नीलामी को टेंडर मांगे जाएंगे। ऑनलाइन बोली लगाने को वाहन जैसा है, तैसा है के आधार पर बेचा जाएगा। करीब 7 महीने पहले कानपुर में अवैध तरीके से चलने वाले ई-रिक्शा की धरपकड़ का अभियान महज इस वजह से बंद कर दिया गया, क्योंकि थानेदारों ने इनकी सुपुर्दगी लेने से मना कर दिया। उनका कहना था कि इन वाहनों को खड़ा कराने की जगह ही नहीं है।
अफसरों की कमेटी कराएगी नीलामी
थानों में खड़े लावारिस या कबाड़ वाहनों की नीलामी प्रक्रिया जिला स्तर की कमेटी देखती है। मैनुअल नीलामी आरटीओ, पुलिस और जिला प्रशासन की संयुक्त कमेटी की देखरेख में होती है। इस कमेटी के सदस्यों की मौजूदगी में सबसे अधिक बोली लगाने वाले को वाहन दे दिया जाता है।

होंगे कई सुधार
एआरटीओ प्रशासन आदित्य त्रिपाठी ने बताया कि ई-नीलामी से कई तरह के फायदे होंगे। एक तो थानों में बेवजह लावारिस या कबाड़ वाहन लंबे समय तक नहीं खड़े रखने पड़ेंगे। प्रदेश भर के लोगों के नीलामी में शामिल होने से कीमत भी अच्छी मिलेगी। जिनके वाहन सीज होंगे, उन्हें भय रहेगा कि वाहन की कहीं नीलामी न हो जाए, इसलिए समय पर रिलीज करा लेंगे।
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