इन सात चौराहों पर शुरू हुआ ई-चालान
शहर में स्मार्ट सिटी के इंटीग्रेटेड कॉमन कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) के तहत टाटमिल, अफीमकोठी, जरीब चौकी, लाल इमली, कंपनीबाग, गुरुदेव और बिठूर तिराहा पर ई-चालान का ट्रायल होने लगा है। चार दिन पहले मंडलायुक्त सुधीर एम बोबडे ने आईसीसीसी में योजनाओं का जायजा लेते समय दिल्ली की तर्ज पर ई-चालान होते ही वाहन स्वामी को एसएमएस से सूचना देेने की व्यवस्था के निर्देश दिए थे।
शहर में स्मार्ट सिटी के इंटीग्रेटेड कॉमन कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) के तहत टाटमिल, अफीमकोठी, जरीब चौकी, लाल इमली, कंपनीबाग, गुरुदेव और बिठूर तिराहा पर ई-चालान का ट्रायल होने लगा है। चार दिन पहले मंडलायुक्त सुधीर एम बोबडे ने आईसीसीसी में योजनाओं का जायजा लेते समय दिल्ली की तर्ज पर ई-चालान होते ही वाहन स्वामी को एसएमएस से सूचना देेने की व्यवस्था के निर्देश दिए थे।
एनआईसी से मांगा गया डाटा
एसएमएस योजना के लिए एनआईसी से डाटा मांगा गया है। चालान होते ही वाहन स्वामी को एसएमएस पहुंचाने के लिए केएससीएल सॉफ्टवेयर भी अपडेट कर रहा है। स्मार्ट सिटी प्रभारी पूजा त्रिपाठी ने बताया कि सात चौराहों पर ई-चालान का ट्रायल शुरू हो गया है। एनआईसी से गत माह ई-वाहन पोर्टल का डाटा मांगा गया था। रिमाइंड भी कराया गया, पर अभी तक डाटा नहीं मिला है। डाटा मिलते ही इसे ई-चालान करने वाले सॉफ्टवेयर से जोड़ दिया जाएगा। कोशिश है कि दीवाली से पहले एसएमएस योजना शुरू कर दी जाए।
एसएमएस योजना के लिए एनआईसी से डाटा मांगा गया है। चालान होते ही वाहन स्वामी को एसएमएस पहुंचाने के लिए केएससीएल सॉफ्टवेयर भी अपडेट कर रहा है। स्मार्ट सिटी प्रभारी पूजा त्रिपाठी ने बताया कि सात चौराहों पर ई-चालान का ट्रायल शुरू हो गया है। एनआईसी से गत माह ई-वाहन पोर्टल का डाटा मांगा गया था। रिमाइंड भी कराया गया, पर अभी तक डाटा नहीं मिला है। डाटा मिलते ही इसे ई-चालान करने वाले सॉफ्टवेयर से जोड़ दिया जाएगा। कोशिश है कि दीवाली से पहले एसएमएस योजना शुरू कर दी जाए।
३२ करोड़ का आईटीएमएस ठप
आईसीसीसी से पहले केडीए ने ३२ करोड़ की लागत से शहर के ६७ चौराहों पर ओनिक्स कंपनी से आईटीएमएस (इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) लगवाया था। बड़ा चौराहा और विजय नगर चौराहे पर ई-चालान व्यवस्था भी लागू कराई गई थी। जिसमें कंपनी ने घटिया लाइटें लगवाई। शुरूआत में ही इस सिस्टम में खराबी आने लगी। जिसके चलते यह सिस्टम ठप पड़ गया।
आईसीसीसी से पहले केडीए ने ३२ करोड़ की लागत से शहर के ६७ चौराहों पर ओनिक्स कंपनी से आईटीएमएस (इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) लगवाया था। बड़ा चौराहा और विजय नगर चौराहे पर ई-चालान व्यवस्था भी लागू कराई गई थी। जिसमें कंपनी ने घटिया लाइटें लगवाई। शुरूआत में ही इस सिस्टम में खराबी आने लगी। जिसके चलते यह सिस्टम ठप पड़ गया।