भारत में अमेरिका के मुकाबले 4, चीन के 7 और जापान के मुकाबले 20 गुना हार्ट डिसीज की संभावना रहती है। अब तो देश में 40 से कम उम्र के युवाओं में 40 फीसदी हार्ट डिसीज होने लगी है। दिल को बीमार करने में कोलेस्ट्राल के अलावा तम्बाकू, बेतरतीब जीवन शैली, तनाव और खानपान है। डॉ. पुरी ने कहा कि कोलेस्ट्राल खून में पाया जाने वाला फैट है। किसी भी उम्र में कोलेस्ट्राल 200 मिलीग्राम होना चाहिए।
डॉ. पुरी ने बताया कि कोलेस्ट्राल को नियंत्रित करने के लिए फल, सब्जी, साबुत अनाज खाएं। भरपूर नींद लें और नशे से दूर रहें। 45 मिनट तक व्यायाम या पैदल चलें। शाकाहारी भोजन में किसी तरह का कोलेस्ट्राल नहीं होता है। कोलेस्ट्राल शहर में 30 और ग्रामीण में 20 फीसदी आबादी में रहता है। 20 साल के बाद ही कोलेस्ट्राल की जांच होनी चाहिए।
ब्रिगेडियर डॉ.आरके शर्मा ने शनिवार को खुलासा किया कि देश में बढ़ रहे प्रदूषण से स्त्री-पुरुष दोनों में बांझपन बढ़ रहा है। कभी-कभी यह विवाद का कारण बन जाता है। पहले 200 जोड़ों में किसी एक को यह समस्या होती थी लेकिन अब 100 में 40 दम्पतियों में बांझपन की समस्या सामने आ रही है। खानपान को संतुलित करना होगा। डॉ.शर्मा ने कहा कि प्रदूषण ने लगातार इसमें दिक्कतें पैदा की हैं। हालात यह हो गए हैं कि महिलाएं 40 से नीचे ही मेनोपोज की शिकार हो रही हैं।
मैक्स के पीडियाट्रिक डिसएबिलिटी विभाग के निदेशक डॉ. मनोज पदमन ने कहा कि माता-पिता बच्चों की असामान्यता पर गंभीर हो जाएं। जरा सी लापरवाही बच्चे को आगे दिक्कतें दे सकती हैं। शुरू में बच्चे में कोई दिक्कत हो तो उसे डॉक्टरों को दिखा लें। आईएमए रिफ्रेशर कोर्स में डॉ.पदमन ने कहा कि संक्रमण से बच्चों में तमाम तरह की परेशानी हो सकती है इसलिए अपने बच्चे में जरा से बदलाव को देखें तो सुपर स्पेशियलिटी डॉक्टर को दिखाएं।