मंगलवार से पूर्ण लॉकडाउन का आदेश हुआ तो लोगों को सब्जी और दूध की चिंता हुई। सुबह पांच बजे दूध की वैन जैसे ही दुकानों पर पहुंची तो खरीदार मौके पर खड़े मिले। हाथों-हाथ दूध बिकता रहा और सात बजे तक दुकानों से दूध खत्म हो गया। जबकि इससे पहले दस बजे तक आराम से दुकानों पर दूध मिल जाता था।
पूर्ण लॉकडाउन के बाद लोगों ने दूध की भी जमाखोरी कर ली। काकादेव के कटियार प्रोविजन स्टोर संचालक ने बताया कि सुबह दुकान नहीं खोली थी, सुबह ५ बजे केवल दूध की डिलीवरी लेने के लिए आया था मगर वहां लोग पहले से ही जमा थे। रोजमर्रा १ से डेढ़ लीटर लेने वाले ने तीन लीटर खरीद लिया। आधे घंटे में ही सारा स्टॉक खत्म हो गया, मगर दूध मांगने वाले फिर भी आते रहे।
पूर्ण लॉकडाउन में हालांकि फेरी वाले सब्जी विक्रेताओं को छूट मिली है, लेकिन मंगलवार को सब्जी वाले भी कम ही निकले। उसमें भी आलू और प्याज वाले नहीं दिखे। जिनके पास आलू और प्याज था वह भी एक घंटे की फेरी में खत्म हो गया।
अभी तक लॉकडाउन में सुबह छह से ११ बजे तक की छूट के दौरान बाजार में थोड़ी बहुत चहल-पहल दिखती थी, लेकिन मंगलवार को बाजार सुबह से ही सन्नाटे में डूबा रहा। सडक़ों पर केवल पुलिस के सायरन की आवाज के सिवाय कुछ नहीं सुनाई देता था। इस दौरान कई जगह सडक़ किनारे खाली खड़े ठेलों और दुकान के फुटपाथों पर बैठे लोगों को पुलिस ने खूब खदेड़ा। जिसको जहां जगह मिली वह वहीं जाकर छिप गया।