आईआईटी ने तीनों मृतक के परिवार को तुरंत 50 हजार रुपए की मदद करने के साथ घायल को हैलट से इलाज के लिए मधुराज नर्सिंगहोम में भर्ती कराया है। इसका खर्च आईआईटी प्रशासन की ओर से दिया जाएगा। आईआईटी में अर्थ साइंस इंजीनियरिंग की नई बिल्डिंग बन रही है। इस निर्माणाधीन बिल्डिंग की एक दीवार गिरने से चार मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
प्रदेश सरकार ने हादसे में दम तोडऩे वाले तीन मजदूरों के परिजनों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी है। इसके अलावा निर्माण करा रही निजी कम्पनी को भी आठ-आठ लाख रुपए क्षतिपूर्ति देने के आदेश दिए गए हैं। श्रम विभाग के प्रमुख सचिव सुरेश चन्द्रा ने बताया कि कानपुर स्थित आईआईटी में इन तीन मजदूरों की मृत्यु गुरुवार को निर्माण करते समय गिर गई दीवार के नीचे दबने से हो गई थी। ये सभी मजदूर अपंजीकृत है और पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के रहने वाले थे। निजी निर्माण कंपनी ने इन तीनों मजदूरों के शवों को पश्चिम बंगाल स्थित उनके गांव पहुंचा दिया है। कंपनी ने मजदूरों के आश्रितों का आधार कार्ड और खाता नम्बर मंगवाया गया है।
आईआईटी की अर्थ साइंस इंजीनियरिंग विभाग की निर्माणाधीन बिल्डिंग की दीवार गिरने से तीन मजदूरों की मौत हो गई थी। शुक्रवार शाम पोस्टमार्टम के बाद तीनों के शव पश्चिम बंगाल उनके घर भेजे गए। हादसे में जान गंवाने वाली पिंकी अपनी डेढ़ वर्षीय बेटी गुर्पिता और मां मुन्नी के साथ यहां पर चार महीने से काम कर रही थीं। उनके पति बबलू गांव में हैं। वहीं मंगल अपनी पत्नी मनीबाई के साथ और रॉबिन मुरमो यहां अकेले रहकर काम कर रहे थे। हादसे में मनीबाई की मौत से उनके दोनों बच्चों के सिर से मां का साया छिन गया।