जिलाध्यक्ष पद के लिए आयी दावेदारों की सूची में उत्तर के लिए ब्राह्मण और दक्षिण के लिए गैर ब्राह्मण नेताओं की संख्या ज्यादा है। इस लिहाज से भी यह फैसला सही माना जा रहा है। जबकि पार्टी की ओर से तय किए गए मानकों के बाद कई दावेदार खुद ही सूची से बाहर हो गए थे। नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और नामांकन पूरा होने के बाद ही तय किया जाएगा कि किस इकाई में किस बिरादरी के दावेदार को जिम्मेदारी दी जाए।
इस बार संगठन चुनाव में एक और बदलाव किया गया है कि कोई भी दावेदार अपना प्रस्तावक नहीं बना सकेगी, बल्कि उन्हें पार्टी ही प्रस्तावक देगी। जिससे संगठन चुनाव में लामबंदी नहीं हो सकेगी। अभी तक दावेदार अपना प्रस्तावक खुद तैयार करते थे और जितने भी मंडल अध्यक्ष और जिला प्रतिनिधि होते थे वे किसी न किसी दावेदार के पक्ष में हो जाते थे, जिससे आम सहमति नहीं बन पाती थी। पर अब पार्टी की ओर से प्रस्तावक दिए जाने से किसी प्रकार की लामबंदी नहीं हो सकेगी।
नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और जिलाध्यक्ष के साथ ही प्रांतीय परिषद सदस्यों का भी चुनाव होगा। जिलाध्यक्षों के लिए वोटिंग का अधिकार पदाधिकारियों के पास है। वर्तमान जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी और अनीता गुप्ता ने बताया कि तैयारी पूरी हो चुकी है और पूरी प्रक्रिया के बाद अगले हफ्ते जिलाध्यक्षों का नाम घोषित कर दिया जाएगा।