एआईटीएच में केमिकल इंजीनियरिंग के छात्रों ने तीन दिवसीय फेस्टिवल में यह मॉडल पेश किया। छात्रों ने बताया कि सड़क पर सामान्यत: तीन स्पीड ब्रेकर होते हैं। इस तकनीक का प्रयोग करने के बाद उस ब्रेकर से जब भी कोई वाहन गुजरेगा तो ब्रेकर में बिजली पैदा होगी और इस बिजली को बैटरी में सुरक्षित किया जा सकता है। फिर इसी बिजली का उपयोग रोड लाइट में हो सकता है।
यह तकनीक तैयार करने वाले छात्रों विवेक, आलोक, क्षितिज और रिषभ ने बताया कि बीच वाले ब्रेकर के अंदर रैक एंड पिन्याम्ल मैथड की तकनीक पर आधारित एक सिस्टम लगाया जाता है। यह तकनीक लगाने में ५० हजार रुपए का खर्चा आता है।
एआईटीएच के छात्र संदीप कुमार, रिषभ कशयार, परवेज आलम, गोविंद कुमार और सचिन वर्मा ने आरएफआईडी बेस्ट अटेंडेंस सिस्टम तैयार किया है। जिसके जरिए उपस्थिति और अनुपस्थिति के बारे में जानकारी मिल जाएगी। इस डिवाइस के जरिए कक्षा में प्रवेश करते ही छात्र की उपस्थिति लग जाएगी और कक्षा की लाइटें भी जल जाएंगी।
शंखनाद-१९ में संस्थान के छात्रों ने सेना से जुड़े मॉडल भी बनाए। जिसमें मिग-२१, मंगलयान, अर्जुन टैंक, ब्रहमोस मिसाइल और आईएनएस विक्रांत का मॉडल प्रस्तुत किया गया। यहां संस्थान के अलावा एचबीटीयू, यूपीटीटीआई, केआईटी, एक्सिस कॉलेज, यूआईईटी के छात्रों ने भी अपने मॉडल प्रस्तुत किए।