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1 SMS से मचा हड़कंप, रोटी के लिए दौड़ पड़े बुजुर्ग

locationकानपुरPublished: Nov 14, 2018 01:27:43 am

Submitted by:

Vinod Nigam

कार्यालय में जुटी भारी भीड़, बिना समस्या समाधान के अधिकांश पेंशनर्स बैरंग लौटे, कईयों ने किसा हंगामा तो धक्का-मुक्की के चलते हो गए घायल।

epfo sent such an sms that the pentioners reached office

1 SMS से मचा हड़कंप, रोटी के लिए दौड़ पड़े बुजुर्ग

कानपुर। ईपीएफओ ने पेंशन भोगी प्राईवेट कर्मचारियों के मोबाइल में एक मैजेस भेज दिया, जिसके कारण सैंकड़ों की संख्या में बुजुर्ग विभाग के कार्यालय में आ धमके। भीड़ देख अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए और कुछ पात्रों की समस्याओं का निराकरण कर अन्य को घर जाने को कह दिया। जिसके चलते पेंशनभोगी आगबबूला हो गए और हंगामा करने लगे। इस दौरान आधा दर्जन बुजुर्ग जमीन पर गिरकर घायल हो गए।

क्या था पूरा मामला
दिवाली के चलते कार्यालयों में लंबा अवकाश रहा। इस बीच कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा एक एसएमएस सभी पेंशनभोगियों को भेजा, जिसमें उन्हें एक नवंबर से जीवन प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए जाने को कहा गया। अवकाश के बाद सोमवार को कार्यालय के खुलते ही सैंकड़ों की संख्या में पेंशनभोगी ईपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंच गए। अत्यधिक भीड़ होने की वजह से आधे लोगों का काम हो सका, जबकि आधे लोगों को विभिन्न कारणों से वापस लौटना पड़ा। अधिकारियों ने पेंशनभोगियों को मंगलवार को आफिस बुलाया। सुबह से पेंशनभोगी आफिस पहुंच गए, लेकिन एकाएक इंटरनेट ने काम करना बंद कर दिया। इसी के चलते वो गुस्से से लाल हो गए और जमकर हंगामा करने लगे। अधिकारियों के समझाने के बाद बुजुर्गो को गुस्सा शांत हुआ।

दो दिन से लगा रहे चक्कर
पेंशनर्स राजीव कुशवाहा ने बताया कि सोमवार को क्षेत्रीय कार्यालय में भी सर्वर डाउन रहने से घंटों इंतजार करना पड़ा, जबकि आज भी कम्प्यूटर्स ने काम करना बंद कर दिया। वहीं उमंग पर पिछले पांच दिनों से काम नहीं हो रहा है। एप भी सुविधाजनक नहीं है और जनसुविधा केंद्र मनमाना पैसा वसूल रहे हैं। कहा कि पूरा दिन खराब हो गया और कोई लाभ नहीं हुआ। उमंग के काम नहीं करने की वजह से यहां तक आना पड़ा। पर यहां भी हमलोगों का काम नहीं हो सका। अधिकारियों ने बुधवार को फिर से दस्तावेज लेकर आने को कहा है। एक हजार रूपए के लिए लगता है एक हजार चक्कर काटने पड़ेंगे।

..तो क्या करेंगें
राजेश अस्थाना ने कहा कि उम्र हो गई है। थंब इम्प्रेशन अब नहीं आता। रेटिना के लिए कहा तो बताया गया कि मशीन खराब है। अगर पेंशन बंद हो गई तो क्या करेंगे। डी राड्रिक्स ने कहा किक ोई विकल्प काम नहीं कर रहा है। जन सुविधा केंद्र वाले मनमाना शुल्क मांगते हैं। बैंक भी सहयोग नहीं कर रहा है। पूरे दिन चक्कर काटने के बाद भी कोई हल नहीं निकला। एक हजार रुपये से कम पेंशन के लिए जिस तरह भटकना पड़ रहा है वह ठीक नहीं है। कहा, यहां पर दलाल भी सक्रिय हैं और जल्दी काम करवाने के बदले कमीशन की डिमांड करते हैं। अब तो हद ही हो गई। बुढ़ापे की रोटी पर भी कुछ लोगों की नजर पढ़ गई है।

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