दो पर पंजा तो तीन पर कमल
पत्रिका टीम ने कानपुर सीट की पांच आर्यनगर, सीसामऊ, कैंट, गोविंदनगर और किदवईनगर विधानसभा सीटों पांच से ज्यादा मतदाताओं से बातचीत की। इस दौरान कांग्रेस के उम्मीदवार श्रीप्रकाश जायसवाल कैंट और सीसामऊ में भाजपा के उम्मीदवार सत्यदेव पचौरी से बढ़त बनाते हुए पाए गए। जबकि गोविंदनगर, किदवईनगर और आर्यनगर में मतदाताओं की पसंद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहे। इन तीनों सीटों पर भाजपा को जबरदस्त बढ़त मिलनें की उम्मीद है।
भाजपा-कांग्रेस के बीच मुकाबला
कानपुर लोकसभा सीट के लिए कुल 16,11,248 मतदाताओं में से 8,89,344 पुरुष और 7,21,802 महिला मतदाता हैं। 2019 में 52 फीसदी वोट पड़े। यहां मुख्य रूप से मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच रहा। भाजपा ने मुरली मनोहर जोशी का टिकट काट करके सत्यदेव पचौरी को मैदान में उतारा है। जबकि कांग्रेस ने पूर्वमंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल पर दांव लगाया। सपा ने यहां से पूर्व सांसद मनोहर लाल के पुत्र रामकुमार को प्रत्याशी बनाया। पर अद्यौगिक नगरी में सपा प्रत्याशी लड़ाई में बिलकुल नहीं दिखे। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के मुरली मनोहर जोशी को 4,74,712 वोट मिले थे। दूसरे नंबर कांग्रेस के श्री प्रकाश जायसवाल थे। श्री प्रकाश जायसवाल को 2,51,766 मत मिले थे। बसपा के सलीम अहमद को 53,218 मत मिले थे।
स्थानीय मुद्दे प्रचार से गायब रहे
कानपुर लोकसभा सीट पर सबसे अधिक सामान्य श्रेणी के मतदाता हैं, जिनकी संख्या तकरीबन 5,16,594 है। ओबीसी मतदाताओं की संख्या 2,90,721 है। अल्पसंख्यक मतदाताओं की संख्या तकरीबन 4,07,182 है और अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या 3,80,950 है। 2019 में सामन्य वोटर्स भाजपा के साथ मजबूती के साथ खड़ा रहा तो वहीं मुस्लिम पंजे के पक्ष में दिखे। जबकि दलित और ओबीसी मतदाता बड़े पैमाने पर पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट दिया। यहां पर स्थानीय मुद्दे के बजाए राष्ट्रीय मुद्दे चुनाव में हावी रहे। बंद मिलों पर किसी भी दल ने बात नहीं की। पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक सहित हिन्दुत्व के नाम पर अपने चुनाव प्रचार को रखा और जिसका फाएदा मतदान के दिन साफ तौर पर भाजपा के पक्ष में दिखा।