scriptबोतल पर महंगे ब्रांड का लेबल, अंदर मिलावटी अंग्रेजी शराब | Fake English Wine Making Factory Explained | Patrika News
कानपुर

बोतल पर महंगे ब्रांड का लेबल, अंदर मिलावटी अंग्रेजी शराब

इंपीरियल ब्लू, रॉयल स्टैग, मेकडावेल समेत सभी बड़े ब्रांड की मिलावटी शराब होती थी तैयारट्रांसपोर्ट नगर में चल रहा था कारोबार, एसटीएफ ने सरगना समेत चार को दबोचाकानपुर, लखनऊ से लेकर बुंदेलखंड के इलाके में भी धड़ल्ले से होती थी सप्लाईबोतल, ढक्कन, लेबल, क्यूआर कोड सहित भारी मात्रा में कैश और माल बरामद

कानपुरJun 16, 2019 / 12:44 pm

आलोक पाण्डेय

Fake English Wine Making Factory

बोतल पर महंगे ब्रांड का लेबल, अंदर मिलावटी अंग्रेजी शराब

कानपुर। महंगी अंग्रेजी शराब के शौकीनों के लिए बड़ा झटका लगा है। वे अब तक जिस शराब को अंगे्रजी समझकर पी रहे हैं वह जहरीली भी हो सकती है। केवल बोतल और लेबल देखकर असली और नकली का फर्क समझ पाना मुश्किल है। ट्रांसपोर्ट नगर में एसटीएफ ने छापा मारकर जिस नकली अंग्रेजी शराब फैक्ट्री का खुलासा किया है, वहां महंगी और बड़े ब्रांड के नाम पर मिलावटी शराब बनाकर पैकिंग की जाती थी। यह शराब बड़े पैमाने पर पूरे प्रदेश में सप्लाई की जाती थी।
मौरानी ट्रासपोर्ट से होती थी सप्लाई
एसटीएफ को जानकारी मिली थी कि ट्रांसपोर्ट नगर में मौरानी ट्रांसपोर्ट के नाम से पूरे प्रदेश में जहरीली शराब बनाने के केमिकल, बोतल, ढक्कन और क्यूआर कोड समेत अन्य उपकरणों की सप्लाई की जाती है। एसटीएफ ने यहां पर छापा मारा तो गैंग के सरगना सहित चार लोगों को पकड़ा गया। यहां पर दस ड्रम रेक्टीफाइड स्प्रिट, ६६ बोरे अंग्रेजी और देशी शराब के ढक्कन, सात पैकेट क्यूआर कोड, छह मोबाइल, ५८ हजार रुपए समेत काफी सामान बरामद हुआ।
इन ब्रांडों की बनती थी शराब
छापेमारी के दौरान एसटीएफ को इंपीरियल ब्लू, रॉयल स्टैग, वेव देशी, सुपीरियल लाल, रेडिको खेतान, मैकडावेल नंबर वन, ब्लैंडर प्राइड, सुपीरियर हरा, रेडिको हरा, आईजीएल हरा, वेव लाल, वेव हरा के ढक्कन समेत इन कंपनियों के क्यूआर कोड बरामद हुए हैं।
इन जिलों में होती सप्लाई
गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ के दौरान पता चला है कि मिलावटी अंग्रेजी शराब को कानपुर शहर के अलावा कानपुर देहात, उन्नाव, लखनऊ, सीतापुर, बाराबंकी, रायबरेली, चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर समेत आसपास के कई जिलों में भेजा जाता था।
हरियाणा, दिल्ली से आता था केमिकल
पकड़े गए गिरोह के सरगना चंदन जोशी ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह शराब बनाने का केमिकल दिल्ली और हरियाणा से मंगाता था, जिसमें रेक्टिफाइड स्प्रिट, एक्सट्रा न्यूक्लिर एल्कोहल शामिल है। इसमें फतेहपुर निवासी ज्ञानेंद्र सिंह और संजय लोधी उसकी मदद करते थे। जबकि मोहम्मद रफीक ढक्कन और क्यूआर कोड का इंतजाम करता था। क्यूआर कोड से माल बेचने में आसानी होती थी। बाकी लोग अपने स्तर पर सरकारी ठेकों पर माल सप्लाई करते थे।

Home / Kanpur / बोतल पर महंगे ब्रांड का लेबल, अंदर मिलावटी अंग्रेजी शराब

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो