कानपुर

रासायनिक खादों से किसान हुए दूर तो साल भर की फसल मिली भरपूर

पांच गांवों में सीएसए की मदद से जैविक खेती कर किसानों ने बंजर जमीन कर दी उपजाऊ सुरक्षित सब्जियां मिलने के साथ ही किसानों ने अपनी जमीन की ताकत को भी बढ़ाया

कानपुरNov 29, 2019 / 01:03 pm

आलोक पाण्डेय

रासायनिक खादों से किसान हुए दूर तो साल भर की फसल मिली भरपूर

कानपुर। ज्यादा उत्पादन के लालच में रासायनिक खादों और कीटनाशकों के लगातार इस्तेमाल कर किसानों ने अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है। यही वजह है कि बाजार में आने वाली सब्जियां जहरीली हो रही हैं तो दूसरी ओर किसानों की जमीन भी बंजर होती जा रही है। वहीं दूसरी ओर ठीक इसके विपरीत हालातों को सीएसए के वैज्ञानिकों और किसानों ने मिलकर तैयार किया है। बिल्हौर, शिवराजपुर और चौबेपुर के पांच गावों में केवल जैविक खेती की जा रही है और इसका असर देख किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। न सिर्फ उन्हें भरपूर उत्पादन मिल रहा है, बल्कि उनकी जमीन की उपजाऊ क्षमता भी बढ़ गई है।
बंजर जमीन पर लहलहा रही फसल
पंाच गावों के किसानों ने चन्द्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की मदद से बंजर जमीन में टमाटर और भिंडी की फसल खड़ी कर दी है। टमाटर और भिंडी की फसल में जैविक खादों और जैविक पेस्टीसाइड का प्रयोग किया गया। इसे वैज्ञानिकों की मदद ये ग्रामीण खुद तैयार कर रहे हैं। सब्जी विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. डीपी सिंह का कहना है कि संरक्षित सब्जी की खेती किसानों को को खासा लाभ देती है। इससे कई फायदे हैं एक तो किसानों की जमीन भी उर्वर हो जाती है और दूसरे किसानों की आय भी बढ़ती है।
साल भर ले रहे फसल
इस तरह की पहल बिल्हौर, शिवराजपुर और चौबेपुर के पांच गांवों में शुरू हुई है। उच्च तकनीक से बोई जाने वाली यह दोनों फसलें साल भर किसान ले रहे हैं। विश्वविद्यालय के सब्जी विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों का दावा है कि किसानों की आय दो गुना करने की दिशा में गांव अग्रसर है। क्योंकि सुरक्षित सब्जी फसलों के दाम किसानों को भरपूर मिल रहा है।

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