किसानों के चेहरे पर आई मुस्कान
मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल का आखिरी अंतरिम बजट शुक्रवार को पेश किया। सत्तारूढ़ दल से जुड़े लोगों ने जहां बजट का स्वागत किया है, वहीं विपक्षी दलों ने इसे झूठ का पुलिंदा बताया है। वहीं लोकसभा चुनाव के वक्त बजट से लोगों को उम्मीदें तमाम थी। बजट को लेकर लोग उत्सुक और उत्साहित दिखे। सरकार ने भी चुनावी लबादे से ढंके बजट में सभी को संतुष्ट करने की कोशिश की। बजट में पहली बार किसानों को 6 हजार रूपए सलाना करम दिए जाने के बाद अन्नदाताओं के चेहरों में मुस्कान दिखी। नसेनिया गांव के किसानों ने इस अन्नदाताओं के लिए हितकर बताया है। गांव के गजोधर कहते हैं कि बेटा सूरत में नौकरी करता है और उसी से घर का गुजारा होता है। अब पांच सौ प्रतिमाह वेतन मिलेगा उससे दाल रोटी की व्यवस्था ठीक तरीके से हो जाएगी।
कहा मिली संजीवनी
दो हेक्टेयर से कम जमीन वाले किसानों को सालाना छह हजार रुपये मिलेंगे। साथ ही गो पालन पर भी नकदी मिलेगी। ये राशि सीधे किसानों के खाते में आएगी। मझावन गांव के बाहर सड़क पर कल्लू पान वाले की दुकान में कई लोग टीवी में टकटकी लगाए बैठे थे। इस बीच किसान गंगा साहू ने सरकार के इस फैसले से छोटे किसानों को लाभ मिलेगा और उनके लिए यह संजीवनी साबित होगा। कहा कि कभी-कभी धान, गेहूं बोने के लिए पैसा नहीं रहता है तो साहूकारों का दरवाजा देखना पड़ता है, इससे निजात मिलेगी। कहते हैं, छोटे किसान अक्सर आर्थिक संकट में रहते हैं। सरकार के इस फैसले से खेती-किसानी अच्छी तरह से हो पाएगी। इसी बीच रघुवीर यादव ने कहा कि पहली बार किसी सरकार ने किसानों के हित में इतना बड़ा फैसला लिया है। जिसकी प्रसंसा करनी चाहिए।
तो जिंदा होते पिता
कल्लू पान वाले ने कहा कि उसने कभी भाजपा को वोट नहीं दिया। वो कांग्रेस के बाद सपा व बसपा को वोट देता आ रहा है। लेकिन मोदी सरकार के आखरी बजट के बाद उसे खुशी मिली है। कहा, पिता किसान करने के लिए साहूकारों से पैसे लेते थे। ब्याज बढ़ता गया। साहूकार, बदले में जबरन खेती अपने नाम करवाते गए। 20 बीघे खेत साहूकारों ने ब्याज के रूप में पिता से हड़प लिए और सदमें के चलते उनकी मौत हो गई। लेकिन मोदी सरकार ने 6 हजार रूपए देकर किसानों के कुछ दर्द को कम करने का प्रयास किया है। पैसे नहीं होने के चलते लघु व सीमांत किसान आर्थिक तंगी की वजह से समय से खेतों की बोवाई नहीं कर पाते थे। लेकिन अब उनके खाते में पैसा रहेगा, जिससे वो समय से फसल उगा सकेंगे।
इसके चलते खुश अन्नदाजा
गौरतलब है, केंद्र सरकार ने बजट में किसानों को भारी राहत देते हुए उन्हें सालाना छह हजार रुपये की नगदी की घोषणा की है। देश के 12 करोड़ से अधिक लघु व सीमांत को किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। सरकार का यह फैसला दिसंबर 2018 से लागू हो जाएगा, जिसे तीन किस्तों में किसानों के खाते में जमा कराया जाएगा। देश के 87 फीसद से अधिक लघु व सीमांत किसान हैं, जिनके पास बुवाई सीजन के समय बीज, खाद, उपकरण व अन्य इनपुट खरीद के लिए नगदी की कठिनाई होती है। ऐसे लघु व सीमांत किसानों को निश्चित आय सहायता मुहैया कराने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) शुरु करने का ऐलान किया है।
बजट पर किसान नेता की राय
किसान नेता राजेंद्र सिंह कहते हैं बजट देश के लिए बहुत अच्छा है। आतादी के बाद से किसान वोट देकर सरकार चुनता आ रहा है, पर राजा उन्हें ही चूसते रहे। चलिए पहली बार कोई सरकार किसानों को सीधे पैसा देने जा रही है। राजेंद्र कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के लिए और भी कुछ कर सकते हैं। हम तो कई वर्षो से मांग करते आ रहे हैं कि किसानों को अपनी मूल्य का दाम तय करने की छूट दी जाए। यदि सरकार ऐसा कोई बड़ा कदम उठाती है तो किसान देश के विकास में अहम रोल अदा कर सकता है।