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पीएम नरेंद्र मोदी किसानों का कर रहे दमन, वोट की चोट से सत्ता से कर देंगे बेदखल

locationकानपुरPublished: Jul 10, 2018 12:19:32 am

Submitted by:

Vinod Nigam

अपनी कई मांगों को लेकर सैकड़ों की संख्या में परिवार समेत कानपुर पहुंचे किसान, सरकारी विभागों के बाहर किया धरना-प्रदर्शन

farmers protest against modi yogi sarkar in kanpur hindi news up

PM मोदी ने झूठ बोल कर लिया वोट, 4 साल से किसानों को दे रहे चोट

कानपुर। किसान आज गुस्से में है। वो नारेबाजी कर रहा है। बीबी बच्चों के साथ सरकारी महकमों के बाहर धरना देकर बैठ गया है। वजह है सरकार की वादाखिलाफी। यूपीएसआईडीसी से जुड़ी योजनाओं के लिये किसान की खेतिहर जमीनें अधिग्रहीत की गई थीं, लेकिन उचित मुआवजा नहीं मिला। घाटमपुर बिजली परियोजना के लिये जमीन ली गयी पर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी नहीं दी गयी। किसान ने अपना गन्ना मिलों में पहुॅचा दिया पर उपज का पूरा भुगतान आज तक नहीं मिला। आलू किसानों की फसल बर्बाद हो गयी, पर ऐलानिया मुआवजा उनके खातों में नहीं आया। इन्हीं समस्याओं को लेकर सोमवार को सैकड़ों की संख्या में अन्नदाता अपने परिवार के साथ कानपुर के सरकारी विभागों के बाहर धरने पर बैठे तो वहीं भारतीय किसान यूनियन से जुड़े किसानों ने कलेक्ट्रेट के बाहर डेरा जमा लिया। इस दौरान किसानों ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने झूठ के बल पर वोट ले लिया, लेकिन लगातार हम पर चोट कर रहे हैं। अगर हमारी समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान नहीं किया गया तो किसान भाजपा जनप्रतिनिधियों के घर के बाहर धरने पर बैठने को मजबूर होंगे।
सरकार के खिलाफ किसानों का हल्लाबोल
अपनी दर्जनों मांगों को लेकर सोमवार को किसानों के अलग अलग संगठन के नेता व सैकड़ों अन्नदाजा अपने परिवारों के साथ कानपुर की सड़कों पर दिखायी पड़े। किसी ने यूपीएसआईडीसी के बाहर धरना प्रदर्शन किया तो किसी ने जिला कलेक्ट्रेट के बगीचे पर कब्जा जमाकर पंचायत लगायी। भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह ने बताया कि गुजरात के बतौर सीएम नरेंद्र मोदी को जब भाजपा ने अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित को किया तो देश के किसानों के चेहरे में मुस्कान आई थी और 2014 के लोकसभा चुनाव में उनके चुनावी वादों को देख 60 फीसदी आबादी ने कमल खिला दिया। लेकिन चार साल के कार्यकाल पूरा करने वाली मोदी सरकार ने अन्नदाताओं के उत्थान के लिए कोई जमीनी कदम नहीं उठाए। जिला अध्यक्ष ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सत्ता में आते ही पंद्रह दिनों के अंदर गन्ना किसानों के पैसे का भुगतान कर दिया जाएगा, लेकिन अभी तक एक भी किसान को लाभ नहीं मिला। हमारी जमीनें अधिगृहित की गई, लेकिन उनका मुआवजा सरकार लटकाए हुए है।
मोदी सरकार में आलू रोया
भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह ने बताया कि पिछले दो सालों से आलू किसान हलकान है और लागत का उचित दाम नहीं मिल पाने के चलते उसे सड़कों के किनारे फेंकना पड़ रहा है। मोदी और योगी के राज में पहली बार आलू किसानों रो रहा है सरकार की कोई भी ठोस नीति नही है। जिलाध्यक्ष ने बताया कि कानपुर नगर, देहात, कन्नौज, फर्रूखाबाद, घाटमपुर, फतेहपुर सहित पूरे जोन में आलू की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। लेकिन 2017-2018 में आलू महज दो से तीन रूपए प्रति क्वींटल के हिसाब से बिका। किसानों ने लगात मूल्य पाने के चलते उसे कोल्ड्र स्टोर में रखवाया, जो और घाटे का सौदा साबित हुआ। कोल्ड स्टोर संचालकों ने पैसे वसूल लिए, लेकिन बाजार में दाम ज्यों के त्यों बने हुए हैं। सरकार आएदिन जनप्रतिनिधियों, सरकारी नौकरशाहों का वेतन बढ़ाती रहती है पर किसान के आंसू उसे नहीं दिखते।
जमीन ले ली, नहीं दिया मुआवजा
भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह ने बताया कि किसानों की जमीन पर घाटमपुर पावर प्लांट लगाया था तो कहा गया था कि 4 गुना मुआवजा दिया जाएगा। किसान जब मुआवजे मांगने पहुंचे तो उन्हें पुलिस के डंडे मिले। कई किसानों को पुलिस ने जेल भेज दिया। जिलाध्यक्ष ने बताया कि 10 विकास खंडों में आवारा जानवरो से किसान परेशान है जानवरो से फसलों का नुकसान हो रहा है जिसके लिए कोई कार्य नही किया जा रहा है। सरकार द्वारा खरीफ फसलों के दाम जिस फार्मूला के तहत तय किये है उससे किसान संतुष्ट नही है और मांग करते है कि उनकी जो भी समस्याएं है उसे जल्द से जल्द सुनिश्चित कर पूरा किया जाए।
गंगा में डुबकी लगा करेंगे संसद का घेराव
जिला अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह ने मोदी और योगी सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द गन्ना किसानों का बकाया भुगतान किया जाए। यदि यह सभी मांगें नहीं मानी गयीं तो आगामी 6 सितंबर को उत्तर प्रदेश ही नही देश के सभी किसान हरिद्वार में एकत्रित होकर गंगा स्नान करने के बाद बड़ा आंदोलन करते हुए लोकसभा का घेराव करेंगे। किसान नेता राम सुमेर ने बताया कि कानपुर में चार साल के दौरान 60 से ज्यादा किसान मौत को गले लगा चुके हैं। किसान भुखमरी की कगार पर है। राम सुमेर ने कहा कि खुद सीएम योगी और उनके मंत्री गांवों में आकर चौपाल लगाते हैं और गरीब की रोटी खाकर उनके घर में उजियारा लाने का वादा करते हैं। लेकिन गांव छोड़ते ही वादे झूठ में तब्दील हो जाते हैं। अगर 2019 में पीएम मोदी को दोबारा सत्ता में आना है तो किसानों की समस्याओं को कल करना ही होगा।

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