क्या है पूरा मामला
लंबे समय से पनकी-कल्याणपुर रोड अधूरी पड़ी है। पकनी मंदिर से भाटिया तिराहे तक सड़क से गुजरना मुश्किल है। सड़क निर्माण को लेकर तमाम कोशिश कर चुके लोगों को धर्य जवाब दे चुका है। सोमवार को सड़क निर्माण की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने भाटिया तिराहे पर अनशन शुरू कर दिया। गुस्साए लोगों के साथ उमेश भार्गव भाटिया तिराहे के पास बैनर लगा कर बैठ गए थे। उमेश के साथ अनशन पर बैठे राहुल ने बताया कि कल्याणपुर पनकी सड़क लंबे समय से टूटी पड़ी है। पिछली सरकार ने कल्याणपुर से सीमेंटेट सड़क का निर्माण शुरू कराया था। पनकी मंदिर तक सड़क का निर्माण हुआ और इसके बाद रोक दिया गया। यह नहीं बताया जा रहा है कि सड़क कब बनेंगी।
फिर भी नहीं हुआ निर्माण
राहुल ने बताया कि पहले इस सड़क के लिए केंद्रीय सड़क निधि से वजट की व्यवस्था की गई। सपा सरकार के दौरान इसके नियोजन विभाग से फंडिग की गई। कुल प्रोजेक्ट का पूरा वजट जारी नहीं किया गया। लिहाजा सड़क पूरी नहीं हो पाई। पिछले दिनों इसी सड़क को लेकर विधायक नीलिमा कटियार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। सीएम के आदेश पर सड़क के लिए पीडब्ल्यूडी को 16 करोड़ रूपए वजट स्वीकृत किया गया। बावजूद पीडब्ल्यूडी हाथ पे हाथ रखे बैठा है। अनशन की जानकारी जिला प्रशासन के अलावा ने स्थानीय विधायक नीलिमा कटियार को भी दी, लेकिन वो भी नहीं पहुंची।
तभी तोड़ूंगा अनशन
उमेश भार्गव ने कहा कि यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या कानपुर के प्रभारी मंत्री हैं। साथ ही पीडब्ल्यूडी का भी मंत्रायल इन्हीं के हाथों पर है। डिप्टी सीएम ने कानपुर के लोगों को नर्क में जीने को मजबूर किया है। पूरे शहर की सड़के गड्ढे में तब्दील हो चुकी हैं, बावजूद डिप्टी सीएम आंख-कान बंद किए हुए बैठे हैं। वो माह में कईबार कानपुर आते हैं और अनेक वादे कर चले जाते हैं। उनके सारे वादे कागजों पर ही दिखते हैं। जब तक डिप्टी सीएम नहीं आते तब तक मैं अनशन नहीं तोड़ूंगा। अगर इस दौरान मेरी मौत हो जाए तो इसकी जिम्मेदारी प्रदेश के डिप्टी सीएम की होगी।