शहादत की सूचना मिलने के बाद परिवार सहित समूचे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गयी थी। पार्थिव शव के आने के बाद लोगों की भीड़ उमड़ी थी। घटना के एक माह बीत चुका हैं। परिवार परेशानियों की तरफ बढ़ने लगा है। परिवार की आवश्यकतानुसार के लिए पिता गंगासिंह ने एसडीएम को पत्र लिखकर घर के एक सदस्य को नौकरी दिलाने की अर्जी लगाई है। शहीद के पिता के अनुरोध पर एसडीएम ने जिलाधिकारी कानपुर देहात राकेश सिंह को लिखित अवगत कराया है। वहीं एसडीएम दीपाली भार्गव ने बताया कि शहीद के पिता के द्वारा मिले प्रार्थना पत्र पर जिलाधिकारी को लिखा गया है। हालांकि 14 अप्रैल को डेरापुर के रैगांव के सीआरपीएफ जवान श्यामबाबू भी एक आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। शासन द्वारा शहीद की पत्नी को कलेक्ट्रेट कानपुर देहात में लिपिक की नौकरी दी गई है।