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परेशानियों से गुजर रहा इस शहीद का परिवार, पिता ने अफसरों से कर डाली ये मांग

locationकानपुरPublished: Jun 16, 2019 08:11:26 pm

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

दो वर्ष के लिए शहीद आतंकवादी निरोधक दस्ते 44 आरआर बटालियन में भेजे गए थे।

shahid rohit

परेशानियों से गुजर रहा इस शहीद का परिवार, पिता ने अफसरों से कर डाली ये मांग

कानपुर देहात-देश की सेवा करते हुए जम्मू कश्मीर के शोपिया में मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए कानपुर देहात के रोहित यादव के परिवारीजनों के सामने भारी समस्या आ खड़ी हुई है। परिवार में सबसे बड़े होने के नाते रोहित के सिर पर माता कमला, पिता गंगासिंह, पत्नी वैष्णवी व छोटे भाई सुमित की जिम्मेदारी थी। अहम बात यह कि घर मे अकेले रोहित सेना की नौकरी करके परिवार का भरण पोषण करता था। रोहित के शहीद होने के बाद परिवार की स्थितियां डगमगा रही हैं। इसके चलते पिता गंगा सिंह ने उपजिलाधिकारी डेरापुर को घर के एक सदस्य को नौकरी दिलाने के लिए पत्र लिखा है। आपको बता दें कि रोहित 17 राजपूत रेजीमेंट में तैनात थे। जो श्रीगंगानगर में थे। वहीं दो वर्ष के लिए वो आतंकवादी निरोधक दस्ते 444 आरआर बटालियन में भेजे गए थे। उसी दौरान जम्मू कश्मीर के शोपियां में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान वो 16 मई को शहीद हो गए थे।
शहादत की सूचना मिलने के बाद परिवार सहित समूचे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गयी थी। पार्थिव शव के आने के बाद लोगों की भीड़ उमड़ी थी। घटना के एक माह बीत चुका हैं। परिवार परेशानियों की तरफ बढ़ने लगा है। परिवार की आवश्यकतानुसार के लिए पिता गंगासिंह ने एसडीएम को पत्र लिखकर घर के एक सदस्य को नौकरी दिलाने की अर्जी लगाई है। शहीद के पिता के अनुरोध पर एसडीएम ने जिलाधिकारी कानपुर देहात राकेश सिंह को लिखित अवगत कराया है। वहीं एसडीएम दीपाली भार्गव ने बताया कि शहीद के पिता के द्वारा मिले प्रार्थना पत्र पर जिलाधिकारी को लिखा गया है। हालांकि 14 अप्रैल को डेरापुर के रैगांव के सीआरपीएफ जवान श्यामबाबू भी एक आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। शासन द्वारा शहीद की पत्नी को कलेक्ट्रेट कानपुर देहात में लिपिक की नौकरी दी गई है।
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