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मैं अभी मरना नहीं चाहता,प्लीज बचा लें पीएम दादा

locationकानपुरPublished: May 22, 2018 06:04:08 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

कपड़े का ठेले लगाने वाले सलीम के बेटे की दोनों किड़नी डैमेज , डॉक्टरों ने इलाज के लिए 25 लाख रूपए की व्यवस्था करने की डीमांड

 कपड़े का ठेले लगाने वाले सलीम के बेटे की दोनों किड़नी डैमेज , डॉक्टरों ने इलाज के लिए 25 लाख रूपए की व्यवस्था करने की डीमांड
कानपुर। जिस मोहल्ले में मैं रहता हूं, वहां दूर-दूर तक कोई भी बच्चा स्कूल नहीं जाता, पर सरकारी स्कूल में मैं जाकर पढ़ रहा हूं। एजूकेशन पूरी करने के बाद मैं कलेक्टर बन कर इस समाज के अंदर शिक्षा की अलख जगाना चाहता हूं, पर मेरे इस मिशन पर एक बीमारी ने रोक लगा दी। आर्थिक स्थित खराब होने के चलते पिता मेरा इलाज नहीं करवा पा रहे हैं। डॉक्टरों ने 20 दिन का समय दिया है। यदि इतने दिनों में इलाज नहीं हुआ तो मैं इस दुनिया को छोड़ कर चला जाऊंगा। परिजनों के साथ सुबह से लेकर शाम तक मंदिर-मस्जिद और गुरूद्धारे में जाकर भीख मांग कर जो पैसा मिलता है उससे मेरी सांसें चल रही हैं। प्रधानमंत्री दादा, सीएम अंकल मैं मरना नहीं, जीना चाहता हूं। आपके राज का छोटा सा बच्चा हूं। प्लीज मेरा इलाज करवाएं और मेरी मदद करें। यह मार्मिक शब्द 14 साल के मासूम आसिफ के हैं, जिसकी दोनों किडनियां खराब हो गई हैं। पैसे नहीं होने के चलते डॉक्टरों ने इलाज करना बंद कर दिया है। इसी के चलते वह अपने पिता के साथ जिंदगी बचाने के लिए सुबह घर से निकल पड़ता है।
मासूम की दोनों किडनी खराब
बर्रा छह निवासी आसिफ (14) पिछले कई माह से बीमार चल रहा था। परिजन उसका इलाज सरकारी अस्पताल में करवा रहे थे। लेकिन दवा का असर नहीं हो रहा था। इसी के चलते उन्होंने एक प्राईवेट डॉक्टर के पास बेटे को लेकर गए। डॉक्टर ने मासूम की जांच करवाई तो उसकी दोनों किडनी खराब निकलीं। यह सुन गरीब पिता के पैरों के तले से जमीन खिसक गई। डॉक्टर ने आसिफ के पिता से कहा कि अगर 20 दिन के अंदर इसका ठीक तरह से इलाज नहीं किया गया तो बच्चे को बचाना नामुकिन हो जाएगा। डॉक्टर ने बच्चे के लिए इलाज के लिए 25 लाख से ज्यादा रूपए की व्यवस्था करने को कहा। मासूम के पिता मोहम्मद सलीम ने बताया कि वह मस्जिदों में जाकर मौलवीं से मदद की गुहार लगाई पर उन्होंने भी अपने हाथ खड़े कर लिए। डीएम को पत्र लिखकर इलाज के लिए पैसे देने की मांग की पर वहां से सुनवाई नहीं हुई। इसी के चलते बेटे को लेकर गली-मोहल्लों में जाकर लोगों से भीख मांग रहा हूं।
दादा-अंकल से उम्मीद
आसिफ के पिता मोहम्मद सलीम कपड़े का ठेला लेकर फेरी का काम करते हैं। आसिफ की मां की बीमारी के चलते चार साल पहले मौत हो चुकी है। आसिफ के पिता कहते हैं कि बेटा पढ़ लिखकर सरकारी अफसर बनना चाहता है। कक्षा नवौं में आसिफ ने स्कूल में टॉप किया था। पर ईश्वर ने उसकी दोनों किडनी खराब कर बिस्तर पर लिटा दिया। बुधवार को आसिफ अपने परिवार के साथ गले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बाबा और उत्तर प्रदेश के सीएम आदित्य नाथ योगी को चाचा लिख तख्ती लगा कर अपने इलाज के लिए भीख मांगता हुआ सडकों पर नजर आया। आसिफ ने बताया कि उसे पूरा यकीन है कि हमारे दादा ( पीएम मोदी) और अंकल (सीएम योगी) जरुर मदत करेंगे। आसिफ ने बताया कि अभी जिंदगी जीने के नाम पर मेरे पास 19 दिन शेष बचे हैं और जल्द ही मैं अपने दादा-अंकल को पत्र लिखकर इलाज के लिए गुहार लगाऊंगा।
पिता कपड़े का लगाते हैं ठेला
आसिफ के पिता सलीम का कहना है की वो पूरे दिन कपड़े का ठेला लगा कर किसी तरह से अपने परिवार का जीवन यापन कर रहे हैं। उनके सामने जब से समस्या सामने आयी है तब से वो अपने मासूम आसिफ के इलाज के लिय दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं । सलीम कहते हैं कि उनके पास इतना पैसा नही है की वो आसिफ का इलाज करा सके। डाक्टरों ने आसिफ के इलाज में लगभग 25 लाख रूपए का खर्च बताया है। इतनी बड़ी रकम की व्यवस्था करना सलीम के लिए असंभव हैं और इसी के चलते पिता-पुत्र को पीएम मोदी और सीएम योगी से आखरी उम्मीद बची है। आसिफ ने बताया कि हमारे समुदाय के धर्मगुरू और मौलवी आएदिन नए-नए फतवे और आवाम पर हुक्म चलाते हैं, पर जब हम उनसे मदद मांगने के लिए गए, जिसे उन्होंने अनुसना कर दिया। आसिफ ने कहा कि समाजवादी पार्टी से इरफान सोलंकी तो कांग्रेस से सोहेल अंसारी विधायक हैं। हम उनके पास भी मदद मांगने के लिए गए। उन्होंने जिला प्रशासन से पैसे दिलवाए जाने का वादा कर टहला दिया।

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