अभिभावकों का आरोप है कि नियमानुसार फीस बढ़ोत्तरी से दो महीने पहले वेबसाइट पर सूचना उपलब्ध कराई जाती है, ताकि जो भी अभिभावक बढ़ी हुई फीस देने में सक्षम न हों वे दूसरे स्कूल में बच्चों का एडमिशन करा लें। पर ऐसा नहीं किया गया, अब हमारे सामने मजबूरी है बढ़ी हुई फीस देकर यहीं पर पढ़ाने की।
फीस बढ़ोत्तरी पर नाराजगी जताते हुए अभिभावकों ने बताया कि स्कूल ने मनमाने तरीके से २२ फीसदी फीस बढ़ा दी है। मगर यह बढ़ोत्तरी किस मद में की गई है, इसकी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। अभिभावकों ने बताया कि पिछले साल जिस कक्षा की फीस ३९०० रुपए थी इस बार उसकी फीस बढ़ाकर ५६७५ रुपए कर दी गई है।
अभिभावकों का कहना है कि शुल्क नियामक के आधार पर केवल महंगाई भत्ते के आधार पर ही फीस की बढ़ोत्तरी की जा सकती है। साथ ही फीस बढ़ोत्तरी की सूचना भी स्कूल की वेबसाइट पर दो माह पहले इसकी सूचना अपलोड करनी होती है पर ऐसा भी नहीं किया गया, जिस कारण परेशानी हो रही है।
इस मामले पर स्कूल की प्रधानाचार्य मारिया कीर्ति एसी ने कहा कि अभिभावकों को गुरुवार को मिलने के लिए बुलाया गया है। जो भी मुद्दे हैं उसे बातचीत के जरिए हल किया जाएगा। इस मामले पर डीआईओएस सतीश तिवारी का कहना है कि अगर अभिभावक शिकायत करते हैं तो स्कूल को निस्तारण करना होगा, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।