कानपुर

महिला-बच्चे और बोले बुजुर्ग, CAA हमें नहीं ‘कबूल’

मानव श्रृंखला बनाकर किया विरोध, सीएए को तत्काल वापस किए जाने की मांग, सरकार ने फैसला नहीं बदला तो आने वाले दिनों में भूख हड़ताल पर बैठने का किया ऐलान।

कानपुरJan 03, 2020 / 02:02 am

Vinod Nigam

महिला-बच्चे और बोले बुजुर्ग, CAA हमें नहीं ‘कबूल’

कानपुर। जुमे से ठीक पहले कानपुर में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं, बच्चे, युवा और बुजुर्ग नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) को लेकर सड़क पर उतर आए। इस दौरान भाजपा सरकार पर नारेबाजी करते हुए मानव श्रृंखला बनाकर विरोध दर्ज किया। सभी ने एक स्वर में कहा कि ये काला कानून हमें किसी भी कीमत पर कबूल नहीं हैं और इसके खिलाफ आखरी सांस तक लड़ाई जारी रखी जाएगी।

गांधीगिरी के जरिए विरोध
युवा भारत व नागरिक रक्षक समिति सहित कई संगठन के लोग गुरूवार को सड़क पर सीएए के विरोध में उतर आए। लोगों ने हिंसा के बजाए गांधीगिरी का रास्ता चुना। बच्चे, महिलाएं, युवा और बुजुर्गो ने मानव श्रंखला बनाकर सीएए का विरोध किया। इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुलेमान का कहना है कि मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन एकट संसद से जो पास कराया है वह संविधान के खिलाफ है। जिसे देश के लोग किसी कीमत पर नहीं मानेंगे। हमारी केंद्र सरकार से मांग की है कि जनविरोधी, संविधान विरोधी इस काले कानून को वापस करें।

सरकार पर लगाए आरोप
सुलेमान ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि देश की मुलभुत समस्याओं से ध्यान हटाने को सीएए को लाया गया है। देश के अर्थव्यवस्थ बेपटरी है। युवाओं के हाथों से रोजगार छिन गए हैं। पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दामों में जबरदस्त इजाफा किया गया है। सरकारी स्कूलों की हालात खास्ता है। बच्चों को स्वेटर, बस्ते और किताबें अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गई। भाजपा इन सभी मुद्दों को हल करने के बजाए देश को बंाटने पर तुली है।

अंतिम सांस तक लड़ेंगे
सुलेमान ने कहा कि सीएए को लेकर अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ी जाएगी। ये विरोध पूरी तरह से गांधीवादी होगा। सुलेमान कहते हैं कि कानपुर में जो हिंसा हुई हम उसकी घोर निंदा करते हैं। पुलिस से हमारी मांग है कि जिन्होंने शहर को जलाने का प्रयास किया उन्हें गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दिलवाएं। सुलेमान ने कहा कि ये देश गांधी, नेहरू का है और हमारा संविधान भी विरोध करने की इजाजद देता है।

विरोध में सभी धर्मा के लोग
मानव श्रंखला में शामिल शारदा पांडेय का कहना है कि सभी धर्मो के लोग तो आखिर इंसान ही हैं। लेकिन केवल एक धर्म यह कदम उठाया गया है। कुछ लोग तो उनके बहकावे में आ सकते है, लेकिन जो पढ़ी लिखी जनता है उनके इस झांसे में नहीं आने वाली। शारदा पांडेय ने कहा कि भाजपा इसे राजनीतिक रंग के साथ एक धर्म से जोड़ने का प्रयास कर रही है, पर सीएए के विरोध में सभी धर्म, जाति मजहब के लोग शामिल हैं। सीएए के खिलाफ लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक इसे वापस लिया नहीं जाएगा।

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