scriptपहले मंजूरी में हुई देरी, अब बजट के इंतजार में लटकी मेट्रो परियोजना | Finishing of budget in Kanpur metro project | Patrika News

पहले मंजूरी में हुई देरी, अब बजट के इंतजार में लटकी मेट्रो परियोजना

locationकानपुरPublished: Mar 28, 2019 01:38:21 pm

और भी कई बाधाएं आ रही परियोजना की राह मेंमेट्रो यार्ड का काम लटका, आदेश का इंतजार

kanpur metro

पहले मंजूरी में हुई देरी, अब बजट के इंतजार में लटकी मेट्रो परियोजना

कानपुर। शहरवासियों के लिए मेट्रो का इंतजार और लंबा हो सकता है। शहर में मेट्रो परियोजना पहले से ही लेट चल रही थी, अब फिर से काम लटक गया है। बजट का अभाव और आवश्यक प्रक्रिया पूरी न हो पाने से यार्ड का निर्माण भी लटका है। परियोजना के अगले कार्यों के लिए टेंडर में भी और देरी होने की आशंका है। परियोजना से जुड़े अफसर शासन से आदेश और बजट का इंतजार कर रहे हैं।
८०० मीटर दीवार अभी बाकी
कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के लिए राजकीय पॉलीटेक्निक में हो रहा निर्माण कार्य अब ठप हो गया है। 3 साल में 2.2 किलोमीटर दीवार तक नहीं बन सकी है। इसके पीछे बजट का अभाव बताया जा रहा है। मेट्रो यार्ड की दीवार बनाने का कार्य वर्ष 2016 में प्रारंभ हुआ था। राजकीय पॉलीटेक्निक में अभी तक न तो पूरी तरह यार्ड की दीवार ही बन पाई और न ही जमीन के समतलीकरण का ही कार्य हो पाया है। सच्चाई यही है कि अभी भी 800 मीटर दीवार का निर्माण होना बाकी है जिसमें ढेर सारे अवरोध हैं।
मजदूर हुए गायब, पसरा सन्नाटा
केंद्र के मंजूरी मिलने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि यार्ड में निर्माण कार्य और तेज हो जाएगा मगर ऐसा नहीं हो सका। न तो शासन स्तर से कोई दिशा निर्देश आए और न ही बाकी के कार्यों के लिए धन आया। लिहाजा रहा सहा कार्य भी बंद हो चुका है। अब तो मजदूर भी यहां नहीं आ रहे हैं। ठेकेदार फर्म के बकाए का भी भुगतान लंबित है। अभी तक लगभग 5 करोड़ का भुगतान हो चुका है। काम बंद होने से यहां सन्नाटा पसरा हुआ है।
टेंडर में भी होगी देरी
मेट्रो रेल परियोजना के अगले कार्यों का टेंडर अब जुलाई से पहले नहीं हो पाएगा। मेट्रो के स्टेशनों संग एलीवेटेड और भूमिगत ट्रैक बनाए जाने की संशोधित डिजाइन फ्रांस की कंपनी सिस्ट्रा नए सिरे से करेगी। तब तक सिविल कार्य नहीं हो पाएंगे। डिजाइन बनने में ही चार माह का वक्त लगेगा। एलएमआरसी के मुताबिक फ्रांस की कंपनी को डिजाइन में संशोधन का कार्य सौंप दिया गया है। इसके तैयार होने के बाद भी फाइनल करने में भी एक माह लग जाएगा। जून से पहले डिजाइन बन पाना मुश्किल है। इसके बाद सिविल कार्यों के लिए टेंडर निकाले जा सकते हैं।
जमीन तक हैंडओवर नहीं हुई
यार्ड का निर्माण करने के लिए राजकीय पॉलीटेक्निक की सारी जमीन हैंडओवर की जानी है मगर अभी तक इसकी कोई कवायद नहीं हुई है। स्थानीय अधिकारियों को भी शासन से ही कोई आदेश आने का इंतजार है। राजकीय पॉलीटेक्निक की जमीन के मालिकाना हक के विवाद के कारण अभी तक प्रस्तावित यार्ड परिसर में पेड़ों की कटान नहीं हो सकी है। यहां 519 पेड़ काटे जाने है जिसकी अनुमति पर्यावरण मंत्रालय से मिल चुकी है। प्रधानाचार्य स्तर से ही रोक लगाई गई है। इससे मेट्रो की दीवार भी अटकी है और जमीन का समतलीकरण भी। बहुत सारी स्थानीय समस्याएं हैं जिनका निपटारा बाकी है।
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