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कानपुर कोर्ट में एक छात्र ने दी अर्जी, राज ठाकरे की हो सकती गिरफ्तारी

locationकानपुरPublished: Jul 23, 2018 11:21:07 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

नीट एग्जाम में दूसरे राज्यों के छात्रों को बैठने नहीं देने का राज ठाकरे ने किया था एलान, परीक्षार्थी ने कोर्ट में जाकर लगाई गुहार

fir filed against maharatra nav nirman president raj thhakre in kanpur

राज ठाकरे के खिलाफ कोर्ट में प्रार्थना पत्र, तीन साल से ज्यादा की सजा का प्रावधान

कानपुर। महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे के एक बयान के बाद कानपुर निवासी रविकांन्त ने महागनर मजिस्ट्रेट की कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर उन पर मुकदमा दर्ज कर केस चलाए जाने की मांग की है। कोर्ट ने वादी की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए अगली तारीख में बयान दर्ज कराए जाने के निर्देश दिए हैं। वादी के वकील आनंद शंकर जायसवाल ने बताया कि राज ठाकरे ने कहा था कि वो महाराष्ट्र में होने वाली नेशनल एलिजबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट (नीट) में परीक्षा में दूसरे राज्यों के परीक्षार्थियों को बैठने नहीं देंगे। इसी के कारण वादी ने कोर्ट में आकर अपनी शिकायत दर्ज कराई है।
बाहरी को नहीं घुसने देंगे
बर्रा के न्यू एलआइजी निवासी रविकांत ने मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट मोहम्मद रफी के न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया है। इसमें उन्होंने कहा कि 19 जुलाई को वह अपने निजी कार्य से चकेरी स्थित रामादेवी गए थे जहां एक समाचार पत्र में मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे द्वारा दिए बयान को पढ़ा। इसमें लिखा था कि महाराष्ट्र में होने वाली नीट में गैर राज्यों छात्रों को नहीं बैठने देने की धमकी दी है। राज ठाकरे ने कहा यदि गैर राज्य के छात्रों को परीक्षा में शामिल किया गया तो उन पर हमारी नजर रहेगी। जिससे आहत होकर रविकांत ने वकील के जरिए कोर्ट में शिकायत पत्र दाखिल किया। कोर्ट ने अगली सुनवाई के दौरान वादी के बयान दर्ज करने के लिए हाजिर रहने के आदेश दिए हैं।
31 जुलाई को दर्ज होंगे बयान
वदी ने बताया कि वो नीट परीक्षा की तैयारी कर रहा है और एब्जाम महाराष्ट्र में होगा। लेकिन राज ठाकरे की धमकी के बाद वह खाफजदा है और इसी के चलते न्यायालय की शरण में आया है। वादी ने अपने प्रार्थना पत्र में कहा है कि यह बयान प्रमुख समाचार पत्रों के अतिरिक्त टीवी न्यूज चैनल, वाट्सएप व अन्य संचार माध्यमों पर प्रसारित हुआ। उनका बयान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15 के उपबंधों के विपरीत है जिसके मुताबिक धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्म, स्थान या किसी भी आधार पर किसी नागरिक के विरूद्ध असमानता का व्यवहार नहीं किया जाएगा। अधिवक्ता आनंद शंकर जायसवाल ने बताया कि 31 जुलाई को रविकांत के बयान न्यायालय में दर्ज होंगे। वादी को उस दिन कोर्ट में आने को कहा गया है।
हो सकती है सजा
वादी के वकील ने बताया कि आइपीसी की धारा 153ए कहती है कि जो कोई बोले गए या लिखे गए शब्दों या संकेतों द्वारा विभिन्न धार्मिक, मूलवंशी, भाषाई, प्रादेशिक समूहों, जातियों के बीच असौहार्द या शत्रुता या वैमनस्य की भावनाएं, धर्म, मूलवंश, निवास, स्थान, जन्म, भाषा, जाति या समुदायों के आधार पर या अन्य किसी भी आधार पर संप्रवर्तित करेगा या प्रयत्न करेगा, वह कारावास से जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने या फिर दोनों से दंडित किया जाएगा। हमारे पास राज ठाकरे के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं, जिसके जरिए उन्हें कोर्ट में लाएंगे और सजा दिलवाएंगे। राज ठाकरे इस देश के संविधान को नहीं बदल सकते। उन्होंने गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है, जिसे कोर्ट ने भी माना है।

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