रेस्टोरेंट संचालक ने लगाया ये आरोप शास्त्रीनगर के रहने वाले मयंक सिंह एक रेस्टोरेंट संचालित करते हैं और बीबीए के छात्र भी है। मयंक का आरोप है कि 24 जनवरी को वह अपने मित्र आकाश के साथ काकादेव में एक चाय के होटल पर थे। तभी कुछ लोग आए और उसे जबरन कार में बैठाकर ले गए थे। मयंक के अनुसार उसे लखनऊ की कैंट कोतवाली लाया गया था। युवक के मुताबिक उसे कार में जबरन बैठाने वाला व्यक्ति डीसीपी पूर्वी की क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेक्टर रजनीश वर्मा था। उसे तथा वहां मौजूद उसके मामा को हिरासत में लिए जाने का कारण भी नहीं बताया गया।
रिश्तेदारों से 40 लाख वसूलने का आरोप मयंक का आरोप है कि सब इंस्पेक्टर रजनीश ने उसके दूसरे मामा विक्रम सिंह को फोन करके 40 लाख रुपये देने को कहा था। रकम देने में विक्रम ने असमर्थता जताई तो उसे कोतवाली में बंधक बनाकर रखा गया था। मयंक ने बताया कि मामा दुर्गा को पुलिस वाले कल्याणपुर ले गए थे। आरोप है कि पुलिस वालों ने दुर्गा के घर से 30 हजार रुपये और सवा लाख के गहने लूटे थे। वहीं रिश्तेदार अजय सिंह से आरोपी पुलिसकर्मियों ने 40 लाख रुपये वसूले थे।
झूठे मुकदमे में फंसाने का पुलिसवालों पर आरोप मयंक का आरोप है कि लूट के बाद पुलिस कर्मियों ने उसे गोमतीनगर विस्तार थाने के एक मुकदमे में फंसा दिया था। इसके बाद पीड़ित के परिवार ने पुलिसकर्मियों की ज्यादती के खिलाफ कोर्ट में अर्जी लगाई थी। जहां से आदेश मिलने के बाद इंस्पेक्टर रजनीश वर्मा समेत आठ पुलिस कर्मियों के खिलाफ मारपीट और डकैती की धारा में एफआईआर दर्ज की गई है।