कानपुर

1000 बीघा खेत में खड़ी गेहूं की फसल में आग लगने से मचा हड़कंप

सजेंडी के उदयपुर गांव में लगी भीषण आग, दमकल व पुलिस को ग्रामीणों ने पीटा, सिर पर हाथ रखकर किस्मत को कोसते रहे सैकड़ों किसान।

कानपुरApr 22, 2019 / 08:06 pm

Vinod Nigam

1000 बीघा खेत में खड़ी गेहूं की फसल में आग लगने से मचा हड़कंप

कानपुर। सचेंडी थानाक्षेत्र के उदयपुर गांव में सोमवार को आग लगने के चलते करीब एक हजार बीघे में खड़ी गेहूं की फसल जलकर बर्बाद हो गई। सूचना देने के बाद करीब एक घंटे देरी से पहुंची पुलिस और दमकल को देख ग्रामीणों ने हंगामा करने लगे और मारपीट पर उतारू हो गए। इसी बीच किसान मुलायम सिंह ने पूरे परिवार समेत आत्मदाह की घोषणा कर दी, जिससे कारण अलाधिकारी मौके पर पहुंचे और उसे शांत करा उचित मुआवजा दिलाए जाने का आश्वसन दिया।

किसान बेहाल
सचेंडी के उदयपुर गांव में किसानों के लिए सोमवार का दिन आफत लेकर आया। गांव बाहर खेतों में किसान अपनी फसल काट रहे थे। दोपहर बाद अचानक खेतों में खड़ी गेहूं की फसल में आग लग गई। इससे पहले कि किसान कुछ समझ पाते आग की लपटें तेज हो गईं और हवा में आगे बढ़ते हुए दूसरे खेतों की फसल में चपेट लेती गईं। देखते ही देखते आग की विभिषका बढ़ गई और किसानों में हाहाकार मच गया। बबार्द फसल को देख किसान बेहाल थे और पुलिस-प्रशासन के खिलाफ हंगामा करने लगे।

पुलिस की कर दी पिटाई
काफी देर तक दमकल नहीं पहुंची ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ गया। पुलिस और दमकल जवान पहुंचे तो आग की विभीषिका देखकर सन्न रह गए। गुस्साए किसानों ने हंगामा करते हुए पुलिस और दमकल जवानों की पिटाई कर दी। इस बीच फायर ब्रिगेड की और गाडियां भी पहुंच गईं और आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू किया गया। इससे पहले करीब एक हजार बीघा गेहूं की फसल जल चुकी थी। अभी भी आग खेतों की ओर बढ़ती जा रही है। पुलिस और प्रशासनिक अमला भी गांव पहुंच रहा है। करीब तीन घंटे के बाद आग पर

कूड़े के ढेर से लगी आग
ग्रामीणों के मुताबिक खेत के बगल में कूड़े का ढेर लगा था। सुबह के वक्त उसमें आग सुलग रही थी। उसे पानी डालकर बुझा दिया गया। पर दोपहर के वक्त हल्की हवा चली और कूड़े के ढेर से एक चिंगारी निकली और एक हजार बीघे से ज्यादा खेत में खड़ी फसल को चंद सेकेंड में राख कर दिया। एसडीएम सदर अमित राठौर, तहसीलदार अमित गुप्ता, एसपी ग्रामीण प्रद्युम्न सिंह आठ थानों के फोर्स लेकर पहुंच गए और किसानों को समझाकर मुआवजे का आश्वासन दिया। वहीं खेतों में लगी आग बुझा पाने में खुद का नाकाम देखकर किसान मायूस हो गए, जिनके खेत में खड़ी फसल जलकर राख में तब्दील हो चुकी थी वो अपनी किस्मत को कोसते रहे। खेत में ही सिर पर हाथ रखकर किसान आंसू बहाते रहे।

 
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