दोपहर में हुआ हादसा, देर शाम तक खबर छिपाए रहे जानकारी के मुताबिक, कॉलेज परिसर में दोपहर लगभग 12 बजे लोहड़ी उत्सव जारी था। आयोजन में स्कूल के स्टॉफ को ही आमंत्रित किया गया था। इसी दौरान लोहड़ी का आग धीमी पडऩे लगी तो कॉलेज का एक कर्मचारी केरोसिन का डिब्बा लेकर पहुंचा और बगैर पूछे मिट्टी का तेल सुलगती लकडिय़ों पर फेंक दिया। इस दौरान उसी ज्वाला ने केन को भी चपेट में ले लिया। आग के कारण केन तेज आवाज के साथ फटी और उत्सव में शामिल सात लोग चीखने लगे। इस घटना की शाम 6 बजे तक काकादेव थाना पुलिस और फायर ब्रिगेड को भनक भी नहीं लगी। एफएसओ पीआर सरोज ने बताया कि कॉलेज ने आयोजन के संबंध में एनओसी भी लेना जरूरी नहीं समझा था एसपी पश्चिम डॉ.गौरव ग्रोवर का कहना है कि महाविद्यालय में हुए हादसे में झुलसे लोगों की कोई जानकारी नहीं आई है। मीडिया के मामध्यम से खबर मालूम हुई है, टीम को अस्पताल भेजा गया है।
कंबल और दरी डालकर झुलसे लोगों को बचाया हादसे में प्रबंधक की पत्नी वंदना निगम के अलावा एक सहायक शिक्षक रीता सिंह, शिक्षिका संगीता, स्कूल कर्मचारी गौरव और रुचि के अलावा दो अन्य लोग झुलस गये। सभी जख्मी लोगों को तुरंत गाडिय़ों से काकादेव स्थित नर्सिंग होम भेजा गया, जहां तीन को मरहम पट्टी के बाद घर भेज दिया गया, जबकि चार को गंभीर स्थिति के कारण भर्ती कर लिया गया। झुलसे लोगों में केन पलटने वाला कर्मचारी भी शामिल है। हादसे में जख्मी असिस्टेंट प्रोफेसर ने बताया कि केन अचानक आग की चपेट में आकर फट गई। तेजी से लपटें उठी और कई लोगों को चपेट में ले लिया। कई लोगो के कपड़ों में आग लग गई। कैंपस में चीख-पुकार मच गई। लोग घबराकर भागने लगे तो लपटें और तेज हो गई। छात्राएं और टीचर आग बुझाने की कोशिश में जुट गई। लोग कंबल और दरी की तलाश करने लगे। घबराए कर्मचारियों और छात्राओं ने पानी फेंक कर आग बुझाई। कुछ ही देर में क्षेत्रीय लोग भी काफी संख्या में पहुंच गए।